गुमला.
कुरूमगढ़ रेंज के रायडीह प्रखंड अंतर्गत सिकोई जंगल से पेड़ों के काटे जाने से संबंधित समाचार प्रभात खबर में प्रमुखता से प्रकाशित करने के बाद वन विभाग गुमला ने मामले की जांच की है. वन प्रमंडल पदाधिकारी (डीएफओ) अहमद बेलाल के निर्देश पर गठित जांच दल ने सिकोई जंगल पहुंच कर जंगल से काटे गये पेड़ों की जांच की. पेड़ों का कब, किसने और किसके द्वारा काटा गया है. यह जानकारी गांव के लोगों को भी नहीं है. डीएफओ ने बताया कि जांच में सिकोई व महुआटोली के बीच ग्रामीण रोड से लगभग 40-50 मीटर की दूरी पर कुछ बहुत पुराने दीमक लगा ठूंठ पाया गया है, जिसमें दो ठूंठ (जलावन साइज का नन टिंबर) हाल फिलहाल का पाया गया. इसके बारे में ग्रामीणों से पूछताछ की गयी. ग्रामीणों ने बताया उक्त नये ठूंठ भी पुराने ही हैं, जिसे ग्रामीणों द्वारा जलावन के लिए लिया गया है. वहां कोई नया पेड़ नहीं काटा गया है. डीएफओ ने बताया कि जिस जमीन पर कटे हुए पेड़ों के ठूंठ हैं. वह जमीन वन विभाग की नहीं है. वह जमीन रैयती है. डीएफओ ने जंगल इलाकों में निवास करने वाले ग्रामीणों से जंगल के हरे-भरे पेड़ों को नहीं काटने की अपील की है. डीएफओ ने बताया कि जंगल से पेड़ों की कटाई पर पूरी तरह से रोक है. इसके बावजूद यदि कहीं किसी द्वारा पेड़ों को काटा जाता है, तो संबंधित लोगों के खिलाफ वन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जायेगी. इसलिए जंगल का संरक्षण करें, उसका दोहन नहीं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है