औरंगाबाद शहर. औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय के एडीजे चार न्यायाधीश आनंद भूषण ने ओबरा थाना कांड संख्या -144/94, एसटीआर -256/96 में सजा की बिंदु पर सुनवाई करते हुए ओबरा के रामपुर निवासी तीन अभियुक्त रामाशीष सिंह, रामदेव सिंह और जगदीश सिंह को उम्रकैद की सजा सुनाई है. एपीपी अनिल कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि सभी अभियुक्तों को भादंवि की धारा 302 में उम्रकैद की सजा और 20 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया है. जुर्माना नहीं देने पर छह माह अतिरिक्त कारावास होगी और 27 आर्म्स एक्ट में पांच साल की सजा सुनायी गयी है. वहीं पांच हजार रुपये जुर्माना लगाया गया है. दोनों सजाएं साथ-साथ चलेगी. अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि अभियुक्तों को जनार्द्धन यादव की हत्या के आरोप में 14 नवंबर को दोषी ठहराया गया था. अधिवक्ता ने बताया कि प्राथमिकी सूचक रामपुर निवासी रामचंद्र सिंह ने 25 अक्तूबर1994 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी जिसमें कहा था कि उनके भाई जनार्द्धन यादव की भरूब मोड़ और रामपुर के बीच अभियुक्तों द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. घटना स्थल से एक जिंदा गोली और दो खोखा बरामद किया गया था. इस घटना के पीछे का कारण जमीनी विवाद बताया गया था. न्यायाधीश ने पीड़ित परिवार को प्रतिकर देने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार में पत्र लिखा है.
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