अजय कुमार मिश्रा, दरभंगा
बुधवार की सुबह-सबेरे डीएमसीएच का नजारा बदला- बदला था. करीब आठ बजे प्रमंडलीय आयुक्त मनीष कुमार के पहुंचते ही पूरे अस्पताल में हड़कंप मच गया. प्रमंडलीय आयुक्त के औचक निरीक्षण से चिकित्सकों का रूटीन गड़बड़ा गया. कई डॉक्टर हड़बड़ी में बिना स्टेथोस्कोप के ही भागे-भागे अस्पताल पहुंच गये. यहां आने पर जब इस ओर ध्यान गया तो, कॉल कर ड्राइवर के माध्यम से स्टेथोस्कोप मंगाया. कुछ ने जल्दबाजी में एप्रन का बटन उल्टा-पुल्टा लगा रखा था. साथी चिकित्सकों द्वारा ध्यान दिलाने पर वे बटन ठीक करते दिखे. कई तो बिना जूता पहने स्लीपर में ही अस्पताल पहुंच गये थे. कई चिकित्सकों के गले में आइडी कार्ड नहीं था. यही स्थिति कर्मियों की भी देखी गयी. निरीक्षण में कई स्टॉफ गायब मिले. कई कर्मी किसी तरह भागते-भागते ड्यूटी पर पहुंचे. आयुक्त ने निरीक्षण के दौरान उपस्थिति पंजिका पर विशेष फोकस रखा. गायब चिकित्सक व कर्मियों की हाजिरी काटी. उसका फोटो भी खींचा.
कुर्सी पर बैठी नर्स से कहा, तुम डॉक्टर हो क्या
प्रमंडलीय आयुक्त मनीष कुमार आपातकालीन विभाग में पहुंचे तो वहां कुर्सी पर बैठी नर्स को फटकार लगायी. कहा, तुम डॉक्टर हो क्या.. इतना सुनते ही सभी नर्स उठ कर खड़ी हो गयी.
अन्य विभाग को निरीक्षण की साझा करते रहे जानकारी
जिस विभाग में निरीक्षण पूरा हो जाता उसके चिकित्सक एवं कर्मी दूसरे विभाग के चिकित्साकर्मी को जानकारी साझा करते रहे. इसमें बताया जाता रहा कि आयुक्त का मूड कैसा है. वे सबसे अधिक किस बात पर ध्यान दे रहे हैं. ड्रेस व आइडी कार्ड पहनने की हिदायत दी गयी. कई डॉक्टरों ने विभागीय कर्मी को आयुक्त के पीछे लगा दिया, ताकि अद्यतन स्थिति की जानकारी मिलती रहे.
सूचना मिलने के बाद भी सचेत हुए चिकित्सक व कर्मी
डीएमसी प्रशासन को मंगलवार की देर रात ही आयुक्त के औचक निरीक्षण पर आने की जानकारी मिल गयी थी. इसके बाद भी अधिकांश डॉक्टर सचेत नहीं हुये. कई कर्मियों ने भी इसे संजीदगी से नहीं लिया. बताया जाता है कि विभागाध्यक्षों को भी सुबह में व्हाट्सएप पर औचक निरीक्षक होने की जानकारी मिल गयी थी.
कह कर दोपहर दो बजे के बाद नहीं आये आयुक्त
आयुक्त दोपहर एक बजे निरीक्षण के बाद डीएमसीएच से रवाना हो गये. जाने के क्रम में उन्होंने कहा कि दोपहर दो बजे के बाद वे दूसरी पाली में फिर से जांच करने पहुंचेंगे, लेकिन बताया गया कि आयुक्त नहीं पहुंचे. वैसे सुबह के सत्र की स्थिति देख दोपहर में सभी चिकित्सक एवं कर्मी ड्यूटी पर मौजूद थे.
गायब चिकित्सा कर्मियों को कार्रवाई का डर
प्रमंडलीय आयुक्त के निरीक्षण के क्रम में गायब चिकित्सक व कर्मियों को कार्रवाई का डर सता रहा है. बताया गया कि निरीक्षण रिपोर्ट आयुक्त को गुरुवार की शाम तक भेजना है. इस आधार पर निदेशालय से संबंधित कर्मियों पर कार्रवाई की जायेगी. इसे लेकर उनके बीच डर का माहौल देखा गया.
आइडी कार्ड नहीं होने पर हेल्थ मैनेजर को लगायी फटकार
निरीक्षण के क्रम में एक हेल्थ मैनेजर आयुक्त के हत्थे चढ़ गये. बताया गया कि वह ड्रेस में नहीं था. आइडी कार्ड भी नहीं पहन रखा था. आयुक्त के पूछने पर कहा कि आइडी कार्ड बाइक में ही भूल गये. कमिश्नर ने इस पर हेल्थ मैनेजर को फटकार लगायी.बंद डॉक्टर चैंबर का लिया फोटो
निरीक्षण में डॉक्टर व कर्मी का कई चैंबर बंद पाया गया. आयुक्त ने ऐसे चैंबरों का ताला लटका फोटो खींच लिया. रोस्टर के अनुसार गायब डॉक्टर व स्टाफ की उपस्थिति पंजिका का फोटो स्टेट प्राप्त किया.प्राचार्य ने फोन पर मेडिसिन आइटी विभाग का खुलवाया ताला
निरीक्षण के क्रम में प्राचार्य डॉ केएन मिश्रा व अन्य अधिकारी मौजूद रहे. मेडिसिन विभाग का आइटी सेल बंद था. मेटर का प्रिंट लेने के लिये प्राचार्य के कहने पर कर्मियों ने विभाग का ताला खोला. वहां बैठकर आयुक्त ने विभागीय प्रक्रिया पूरी की.
घर से भूखे पहुंचे कई चिकित्सक व कर्मी
निरीक्षण के बाद कई चिकित्सक व कर्मी आपस में बात कर रहे थे कि बिना कुछ खाये घर से निकल गये थे. इसे लेकर घर के लोग भी चिंतित हैं. बार-बार कॉल आ रहा है. कई ने तो बताया कि देर से उठने के कारण बाथरूम तक नहीं गये.
चाय-पान की दुकान पर होती रही चर्चा
प्रमंडलीय आयुक्त के निरीक्षण के क्रम में अजीब सी शांति नजर आयी. अस्पताल परिसर के चाय की दुकान पर सन्नाटा रहा. अधिकारी के जाने के बाद चाय की दुकान पर लोगों की भीड़ लग गयी. वहां कर्मी निरीक्षण को लेकर बातें करते दिखे.कई डॉक्टर व कर्मियों ने स्विच ऑफ कर लिया था मोबाइल
आयुक्त के निरीक्षण के वक्त कई स्वास्थ्य कर्मियों का मोबाइल बार- बार बज रहा था. अन्य विभागों के कर्मी हाल- चाल जानना चाहते थे. आयुक्त की मौजूदगी को लेकर कोई फोन रिसीव नहीं करना चाहता था. नाराजगी से बचने के लिये चिकित्सक एवं कर्मियों ने मोबाइल स्विच ऑफ कर लेना ही वाजिब समझा.आयुक्त ने बेहतर चिकित्सा व्यवस्था को लेकर दिया निर्देश
आयुक्त ने निरीक्षण के दौरान मौके पर मौजूद प्राचार्य डॉ केएन मिश्रा, अधीक्षक डॉ अलका झा को बेहतर चिकित्सा व्यवस्था को लेकर निर्देश दिये. जांच व दवा का पुख्ता इंतजाम करने को कहा. रोस्टर के मुताबिक लगातार जांच करने की सलाह दी.कई चिकित्सक नहीं जा सके निजी क्लिनिक
आयुक्त के निरीक्षण ने कई नामी चिकित्सकों का रूटीन खराब कर दिया. उनके निजी नर्सिंग होम तथा क्लिनिक पर मरीजों को दोपहर तक इंतजार करना पड़ा. निजी क्लीनिक संचालित करने वाले डॉक्टरों को बार- बार फोन आ रहा था. चिकित्सक कहते सुने गये कि आज छोड़ दो, रूटीन खराब हो गया है. निजी क्लिनिक एवं अस्पताल में लेट होने से परेशान मरीज व परिजनों को स्टॉप देर लगेगी, पर साहब आयेंगे जरूर कहकर दिलासा देते रहे.
आयुक्त के जाने के बाद चिकित्सक व कर्मियों ने ली राहत की सांस
डीएमसीएच से आयुक्त के जाने के बाद चिकित्सक व कर्मियों ने राहत की सांस ली. कई चिकित्सक एवं कर्मियों ने घर पर फोन कर सब कुछ ठीक-ठाक रहने की जानकारी परिजनों को दी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है