14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सिर्फ सफेद ड्रेस पहन लेने से आप पुलिसकर्मी नहीं बन सकते : हाइकोर्ट

राजारहाट में एक शख्स के घर पर हुए हमले के मामले में संबंधित थाने की पुलिस की भूमिका पर कलकता हाइकोर्ट ने नाराजगी जतायी. हाइकोर्ट के जस्टिस तीर्थंकर घोष ने पुलिस की निष्क्रियता के मामले पर नाराजगी जाहिर करते हुए सरकारी वकील से पूछा कि क्या आप इस रिपोर्ट से संतुष्ट हैं. जज ने कहा कि बाहर से निवेशक बुला रहे हैं. वहां कानून-व्यवस्था बनाये रखना आपकी जिम्मेदारी है. राजारहाट में एक वादकारी के घर पर मारपीट का मामला है.

कोलकाता.

राजारहाट में एक शख्स के घर पर हुए हमले के मामले में संबंधित थाने की पुलिस की भूमिका पर कलकता हाइकोर्ट ने नाराजगी जतायी. हाइकोर्ट के जस्टिस तीर्थंकर घोष ने पुलिस की निष्क्रियता के मामले पर नाराजगी जाहिर करते हुए सरकारी वकील से पूछा कि क्या आप इस रिपोर्ट से संतुष्ट हैं. जज ने कहा कि बाहर से निवेशक बुला रहे हैं. वहां कानून-व्यवस्था बनाये रखना आपकी जिम्मेदारी है. राजारहाट में एक वादकारी के घर पर मारपीट का मामला है.

जांच की शुरुआती रिपोर्ट में पुलिस ने कोर्ट को बताया कि घटना वाले दिन 12 लोग हमला करने आये थे. यह शिकायत सही है. लेकिन पुलिस ने उस शिकायत पर जांच आगे बढ़ाने के लिए निचली अदालत से इजाजत मांगी है, जिस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस तीर्थंकर घोष ने कहा कि यह गैरकानूनी है. जहां पुलिस को अपराध के प्रथम दृष्टया के साक्ष्य मिल गये हों, वहां निचली अदालत की अनुमति की कोई आवश्यकता नहीं है. अगर पुलिस को ही कानून के बारे में इतना भी पता नहीं है, तो नागरिकों को कैसे न्याय मिलेगा.

फिर जज ने सवाल किया कि क्या आपको लगता है कि यह पुलिस अधिकारी थाने में रहने योग्य हैं? जज ने पूछा : उन्हें पता है कि आपराधिक मामलों की जांच कैसे की जाती है? कोर्ट ने कहा कि आरोपों के मुताबिक जांच कहां हुई है? इन अधिकारियों को कानून का कितना ज्ञान है. पुलिस आयुक्त को यह जानना जरूरी है कि वह किसके साथ काम कर रहे हैं. सिर्फ सफेद ड्रेस पहन लेने से ही आप कोलकाता पुलिसकर्मी नहीं बन सकते.

नाराज जज ने ये भी की टिप्पणी

नाराज जज ने कड़े शब्दों में कहा कि पुलिस के लिए यह आखिरी मौका है. अगर इसके बाद भी ऐसी त्रुटियां पायी गयीं, तो पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश देने के लिए मजबूर हो जाऊंगा. अदालत इस मामले में पांच दिसंबर को अंतिम आदेश सुनायेगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें