शिकारीपाड़ा. सरसडंगाल के आदिवासी टोला में डायरिया महामारी का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस महामारी से प्रभावित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. बुधवार की सुबह, फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल, दुमका में इलाज के दौरान 46 वर्षीय अलीशा मुर्मू का निधन हो गया. वहीं, बुधवार को 10 नये मरीज सामने आये, जिनमें से पांच मरीजों को सरसडंगाल के आदिवासी टोला में स्थापित चिकित्सा शिविर में भर्ती किया गया. भर्ती मरीजों में 12 वर्षीय सुदूर हांसदा, 17 वर्षीय बाबूता मरांडी, 50 वर्षीय पुष्पा सोरेन, 62 वर्षीय सनोती हांसदा और 52 वर्षीय रूबी हांसदा शामिल हैं. वहीं, स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, अन्य 5 मरीजों – 43 वर्षीय बिटिया टुडू, 58 वर्षीय चुंडा सोरेन, 14 वर्षीय रुबीलाल सोरेन, 20 वर्षीय पलटन बास्की और उनकी पत्नी – को परिजनों द्वारा रामपुरहाट में इलाज के लिए ले जाया गया है. डायरिया के प्रसार को रोकने के लिए बुधवार को डॉ गौरव भीम मुर्मू के नेतृत्व में मेडिकल टीम ने गांव का दौरा किया. इस दौरान टीम ने ग्रामीणों के बीच ओआरएस और संबंधित दवाइयों का वितरण किया. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, डॉ देवानंद मिश्रा ने जानकारी दी कि बुधवार को आदिवासी टोला में स्थित मेडिकल कैंप में 5 मरीजों को भर्ती किया गया. यह मेडिकल कैंप 24 घंटे कार्यरत है, जहां दिन और रात की शिफ्ट में अलग-अलग चिकित्सकों को नियुक्त किया गया है.
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