बरसोल. बरसोल की भूतिया पंचायत अंतर्गत जुगीशोल गांव के पुराना टोला में सोलर जलमीनार पिछले एक वर्ष से खराब है. ग्रामीण पेयजल संकट से जूझ रहे हैं. गांव में लगभग 60 परिवार हैं. इनमें करीब 350 लोग रहते हैं. टोला की जलमीनार खराब होने के कारण लोग पास के कुआं से पानी लाकर प्यास बुझा रहे हैं. ग्रामीणों ने जल्द से जल्द सोलर जलमीनार को दुरुस्त कराने की मांग की है. माइनो मांडी, सकरो मुर्मू, शिलावती मुर्मू, नुगली मुर्मू, जोबा मुर्मू, अंजली मांडी, महेंद्र नाथ मुर्मू, नरेंद्र मांडी, लाल मुर्मू, ईश्वर मुर्मू, झुनू मुर्मू आदि ने कहा कि पानी के लिए बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सोलर जलमीनार की खराब होने की सूचना पेयजल विभाग को दी गयी है. विभाग ने तत्काल संबंधित पदाधिकारी से बात कर जलमीनार दुरुस्त करने की बात कही है. ग्रामीणों ने बताया कि कुआं का पानी पीने से बीमारियों का खतरा रहता है. इसके बावजूद विवशता में हमें कुआं का पानी पीना पड़ रहा है. एक साल से जलमीनार खराब पड़ा हुआ है. इसकी मरम्मत की दिशा में सिर्फ आश्वासन मिलता रहा है. टोला के 60 परिवार परेशान हैं.
पलाशबनी में तीन माह से जलमीनार खराब, जल संकट गहराया
डुमरिया प्रखंड के पलाशबनी गांव में स्कूल मैदान के पास बनी सोलर संचालित जलमीनार लगभग तीन माह से बंद है. इसकी सूचना प्रमुख ने पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के जेई को दी है. इसके बावजूद पहल नहीं हुई. जलमीनार किसने व किस फंड से बनी, इसकी जानकारी नहीं है. सूचना पट्ट भी नहीं लगा है. डुमरिया प्रखंड में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की अधिकतर योजनाओं में बोर्ड नहीं लगा है. इससे ग्रामीण भ्रमित होते हैं. सबसे बड़ी बात है कि पेयजल एवं स्वच्छता विभाग का प्रखंड मुख्यालय में कार्यालय नहीं है. प्रमुख ने बताया कि जलमीनार खराब रहने से ग्रामीणों को परेशानी हो रही है. इसकी सूचना विभाग के जेई को देने के बावजूद मरम्मत नहीं हुई. इस तरह कई सोलर संचालित जलमीनार बंद पड़ी है.
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