बेतिया. घड़ी में गुरुवार के 10:45 बजे थे. जिले के प्रभारी डीएम सुमित कुमार जीएमसीएच पहुंचते हैं. गाड़ी से उतरते के साथ परिसर की स्थिति से अवगत होते हैं. इसके बाद ओपीडी में जाकर मरीजों से बातचीत होती हैं. दवा काउंटर का जायजा लेते हैं. ओपीडी से निकलने के बाद शुरू होता है, जांच का दौर. मांगी जाती है संचिकाएं, उपस्थिति पंजी, डॉक्टर ड्यूटी रोस्टर और शुरू होती है क्लास. इमरजेंसी द्वार से प्रवेश के बाद प्रभारी डीएम की नजर सबसे पहले गेट के पास लगे रोस्टर ड्यूटी बोर्ड पर जाती हैं. जहां खाली रोस्टर बोर्ड देख वें सवाल पूछते हैं कि डॉक्टरों का नाम कहा है? जीएमसीएच के इलाज की प्रक्रिया जानने के लिए प्रभारी डीएम ने खुद को मरीज बनाने की पेशकश की और कहा कि मैं पेट दर्द का मरीज हूं मुझे प्रक्रिया समझाइए पेट दर्द की शिकायत लेकर उन्होंने अस्पताल का निरीक्षण शुरू किया. सबसे पहले उन्होंने रजिस्ट्रेशन काउंटर पर मौजूद कर्मी से पेट दर्द की शिकायत की, जिसके बाद कर्मी ने कहा कि पहले पुरजा बनेगा उसके बाद डॉक्टर से मिलना होगा. प्रभारी जिलाधिकारी सह उप विकास आयुक्त सुमित कुमार ने डॉक्टरों की उपस्थिति रजिस्टर मांगी. उपस्थिति रजिस्टर में सितंबर की 3 तारीख के बाद की उपस्थिति नहीं मिलने पर अस्पताल प्रशासन को कड़ी फटकार लगाई. उन्होंने अस्पताल प्रशासन से रोस्टर मांगा, लेकिन अस्पताल प्रशासन के द्वारा रोस्टर के बजाय उन्हें बायोमेट्रिक उपस्थिति दी गई. जिसमें तारीख भी नहीं था, प्रभारी जिलाधिकारी सह उप विकास आयुक्त सुमित कुमार ने अस्पताल अधीक्षक डॉ सुधा भारती से अस्पताल में तैनात सभी डॉक्टरों का रोस्टर मांगा और उसकी जांच की. डॉक्टरों की उपस्थिति रजिस्टर में भी बड़ी गड़बड़ी मिली. कहा गया कि डॉक्टर इसमें अनुपस्थित हैं उनका उपस्थिति काटा क्यों नहीं गया है? उन्होंने अस्पताल के एक डॉक्टर से पूछताछ शुरू की कि मैं जब अस्पताल में पेट दर्द की शिकायत लेकर पहुंचा तो आप अपनी ड्यूटी पर नहीं मिले, आप कहां थे? अस्पताल में कौन सा विभाग किधर है, इसका भी साइनेज नहीं दिखने पर अस्पताल प्रशासन को कड़ी फटकार लगाई गई. निर्देश दिया कि डॉक्टरों, नर्सेज एवं अन्य कर्मियों की रोस्टरवाइज उपस्थिति हर हाल में होनी चाहिए. मौके पर एडीएम कुमार रविन्द्र, अनिल कुमार सिन्हा, एसडीएम डॉ विनोद कुमार, जिला भू अर्जन पदाधिकारी अमरेंद्र कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे. इधर, अधीक्षक डॉ सुधा भारती ने बताया कि निरीक्षण के दौरान प्रभारी डीएम को सभी जानकारी उपलब्ध कराई गई. ———— मरीजों ने कहा, बाहर से मंगवाई जाती हैं दवाईयां प्रभारी डीएम ने ओपीडी/आईपीडी में उपस्थित मरीजों एवं उनके एटेंडेंट से जीएमसीएच की ओर से दी जा रही सुविधाओं एवं इलाज को लेकर फीडबैक लिया. इसके साथ ही दवा की उपलब्धता की स्थिति, पैथोलॉजिकल सेवाओं की सुविधा सहित अन्य बिंदुओं की विस्तृत जांच की. मरीजों से पूछताछ में शिकायत मिली कि यहां बाहर से दवाईयां मंगवाई जाती हैं. निरीक्षण के दौरान अस्पताल में बाजार में मिलने वाली दवा देख उन्होंने नाराजगी जताई. कहा जब सारी दवाईयां दी जाती है तो यह लोकल दवा यहां क्यों है? उन्होंने इंडेट भेजकर तत्काल दवा मंगवाने का निर्देश दिया. ————————— अटेंडेंट के बैठने की करें व्यवस्था, बनाये हेल्प डेस्क वार्डों के निरीक्षण के क्रम में प्रभारी डीएम ने मरीज के साथ अटेंडेंट या परिजन के बैठने की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि मरीज के परिजन कई बार जानकारी के अभाव में इधर से उधर भटकते रहते हैं और कई बार ससमय इलाज के अभाव में मरीज की स्थिति नाजुक हो जाती है. इसलिए बेहतर सुविधा से युक्त हेल्प डेस्क अधिष्ठापित कराने का निर्देश दिया गया. साथ ही जगह जगह पर स्टैंडी के माध्यम से आवश्यक जानकारी यथा कौन सा वार्ड किधर है, किन डॉक्टरों की ड्यूटी है इत्यादि प्रदर्शित कराने का निर्देश दिया गया.
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