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Ghatshila News : मुसाबनी डाकघर का भवन जर्जर, जान जोखिम में डाल ड्यूटी कर रहे कर्मी

एनओसी के पेच से मरम्मत काम रुका, बरसात में टपकता है पानी, पोस्टमास्टर ने मरम्मत के लिए कई बार दिया है आवेदन

मुसाबनी. मुसाबनी डाकघर का भवन मरम्मत के अभाव में जर्जर हो गया है. यहां डाककर्मी जर्जर भवन में जान जोखिम में डाल कर ड्यूटी करने को बाध्य हैं. डाकघर के भवन की छत पर लगे चदरों को वर्षों से बदला नहीं गया है. जिससे बारिश के मौसम में छत से पानी चूता है. पोस्ट मास्टर के आवास समेत कर्मियों के लिए आवंटित आवास भी मरम्मत के अभाव में जर्जर हैं. इन आवासों को कंडम घोषित कर दिया गया है. पोस्टमास्टर ने जर्जर भवन की मरम्मत के लिए कई बार विभाग के वरीय अधिकारियों को आवेदन दिया. लेकिन एनओसी के अभाव में डाकघर के भवन की मरम्मत नहीं हो पा रही है.

मुसाबनी और डुमरिया की 28 शाखाएं अधीन

मुसाबनी डाकघर के अंतर्गत मुसाबनी व डुमरिया प्रखंड के 28 शाखा डाकघर आते हैं. एचसीएल कंपनी ने लगभग 60 वर्ष पूर्व डाकघर के लिए भवन और डाक कर्मियों के लिए क्वार्टर आवंटित किया था. खदानों की बंदी के बाद एचसीएल कंपनी ने टाउनशिप के रखरखाव की जिम्मेदारी से अपने आप को मुक्त कर लिया. वर्ष 2005 में मुसाबनी टाउनशिप का अधिग्रहण राज्य सरकार द्वारा कर लिया गया है. अधिग्रहण के बाद मुसाबनी टाउनशिप राज्य सरकार के अधीन है.

राज्य सरकार से एनओसी नहीं मिल रहा

मुसाबनी डाकघर भवन की मरम्मत डाक विभाग राज्य सरकार से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) नहीं मिलने के कारण नहीं कर पा रहा है. मरम्मत नहीं होने से डाकघर का भवन दिनों दिन जर्जर होते जा रहा है. बारिश और गर्मी के मौसम में डाकघर के कर्मियों के साथ स्थानीय लोगों को परेशानी झेलनी पड़ती है. डाकघर में रखे कंप्यूटर और अन्य कागजातों को सुरक्षित रखना डाक कर्मियों के लिए चुनौती बन जाती है.

चार साल से खराब पड़ा जेनरेटर

मुसाबनी डाकघर का जेनरेटर सेट लगभग चार वर्षों से मरम्मत के अभाव में बेकार पड़ा है. बिजली चले जाने से डाकघर का कामकाज ठप हो जाता है. डाकघर का शौचालय का दरवाजा टूटा है. वहीं, सेफ्टी टैंक की सफाई नहीं होने से शौचालय जाम है. डाकघर के कर्मचारियों को शौचालय के लिए आसपास के क्वार्टरों में जाना पड़ता है. मुसाबनी डाकघर तक डाक वाहन नहीं आता है. सुरदा क्रॉसिंग से डाक वाहन से डाक का आदान-प्रदान होता है. डाकघर का एक कर्मचारी प्रतिदिन सुरदा क्रॉसिंग जाता है. इसके लिए उसे किसी प्रकार का भत्ता विभाग की ओर से नहीं मिलता है.

डाकघर में 400 एमआइएस खाताधारी

डाकघर में लगभग 400 एमआइएस खाताधारी हैं. प्रतिदिन एक लाख से अधिक की राशि एमआईएस के रूप में पूर्व कर्मचारियों के बीच भुगतान होता है. मुसाबनी उप डाकघर का भवन बदहाल है. डाक विभाग पोस्टल, बचत खाता और आरडी एकाउंट खोलने का लक्ष्य कर्मचारियों को देता है.

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