चाईबासा.
चाईबासा नगर परिषद ने दो वर्ष पूर्व शहर को स्वच्छ रखने के लिए दर्जनभर से ज्यादा वाहनों की खरीदारी की थी. ये वाहन आज केवल शोभा की वस्तु बनकर रह गयी है. यह खड़े-खड़े कंडम होने के कगार पर है. नप सूत्रों के अनुसार, वर्ष 2022 में डंपर प्लेसर, रोक्लीनर एवं कचरा को संग्रह कर उठाने के लिए 15 वाहनों की खरीदारी की थी. इनमें दर्जनभर छोटा हाथी गाड़ी है. इन वाहनों का इस्तेमाल कचरा निस्तारण प्लांट के लिए किया जाना था. आनन- फानन में प्लांट बनने से पहले खरीद लिया गया. नतीजतन, इन वाहनों का रख-रखाव नहीं हो पा रहा है. मौजूदा समय में शहर में साफ- सफाई का काम पुराने डंपर प्लेसर और ट्रैक्टर के माध्यम से हो रहा है.कचरा जमा कर प्लांट में भेजने को खरीदे गये वाहन
जानकारी के अनुसार, शहर को साफ रखने के लिए नप ने कचरा को एक जगह पर जमा करने के बाद प्लांट में अन्य वाहनों के माध्यम से भेजा जाना था. प्लांट नहीं बनने के कारण यह वाहन शोभा की वस्तु बनकर रह गयी है. यही हाल रोड क्लीनर वाहन का है. पिछले दो वर्षों में इस वाहन का बमुश्किल 4- 5 बार इस्तेमाल हो पाया है. यह रोड क्लीनर मशीन सडक जर्जर रहने के कारण ठीक से सफाई नहीं कर पायी. लिहाजा लंबे समय से नप परिसर में खड़ी है. यही हाल कचरा संग्रह कर प्लांट तक भेजने वाले वाहन का है. दोनों वाहनों पर करीब 75 लाख रुपये खर्च किये गये.नप के साथ घरों से शुल्क लेती है एजेंसी
वहीं, विभिन्न मोहल्लों से कचरा उठाव करने काम चालू हालत वाले आधा दर्जन छोटा हाथी वाहन से किया जा रहा है. वह भी कभी तीन दिन बाद, तो कभी एक सप्ताह के बाद. घरों से कचरा उठाव के नाम पर 30- 50 रुपए शुल्क की मांग की जाती है. नगर परिषद घरों से कचरा उठाव करने वाली एजेंसी को प्रत्येक माह करीब चार से साढे चार लाख रुपये का भुगतान कर रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है