तृणमूल सांसद ने अदाणी के खिलाफ आरोपों को लेकर भाजपा सरकार की संलिप्तता परउठाये सवालसंवाददाता, कोलकाताउद्योगपति गौतम अदाणी पर अमेरिका में रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के मामले में आरोप लगाये जाने के बाद तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले ने गुरुवार को पूछा कि क्या नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार इसमें शामिल है. गोखले ने कहा कि अभियोग की खबर पर जब बाजार प्रतिक्रिया कर रहे थे, तब सरकार इस मुद्दे पर ‘चुप’ थी. अदाणी पर अमेरिकी अभियोजकों ने सौर ऊर्जा अनुबंध हासिल करने के लिए अनुकूल शर्तों के बदले कई वर्षों तक इस योजना के संदर्भ में भारतीय अधिकारियों को कथित रूप से 25 करोड़ अमेरिकी डॉलर की रिश्वत देने में उनकी भूमिका को लेकर आरोप लगाया है. गोखले ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में शेयर बाजार की अद्यतन जानकारी साझा की, जिसमें ‘अदाणी एनर्जी’ के शेयरों में भारी गिरावट नजर आ रही है. तृणमूल सांसद ने कहा : अमेरिका में अभियोग की खबर के बाद ‘अदाणी एनर्जी’ के शेयरों में भारी गिरावट आयी है.
””बाजार में हलचल है, मगर भारत सरकार चुप है ””
गोखले ने कहा : बाजार में हलचल है, लेकिन भारत सरकार पूरी तरह चुप है. आरोप सरकारी स्वामित्व वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी को रिश्वत देने के हैं. इसमें (नरेंद्र) मोदी और भाजपा की कितनी संलिप्तता है? एक अन्य पोस्ट में राज्यसभा सदस्य ने कहा कि अभियोग में मुख्य बात यह है कि कथित तौर पर पीएसयू (सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम) और सरकारी कंपनियों को रिश्वत दी गयी है. उन्होंने कहा : यह बहुत ही घटिया है. उन्होंने कहा : भारतीय एजेंसियां भाजपा के इशारे पर काम कर रही हैं, इसलिए केवल स्वतंत्र न्यायिक जांच से ही सच्चाई सामने आ सकेगी.तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ माेइत्रा ने भी साधा निशाना
तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने भी ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि आरोपों में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देकर ‘अदाणी अक्षय ऊर्जा को लाभ पहुंचाने के लिए बाजार से अधिक दर पर बिजली खरीदना’ शामिल है. न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय की एक विज्ञप्ति को साझा करते हुए मोइत्रा ने कहा : अदाणी और उनके सात वरिष्ठ अधिकारियों को कई करोड़ डॉलर की रिश्वत देने और अमेरिकी निवेशकों से रिश्वतखोरी की योजना को छिपाने की साजिश के संबंध में दोषी ठहराया गया है. उन्होंने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की प्रमुख माधबी पुरी बुच पर भी कटाक्ष किया. मोइत्रा ने अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (एसईसी) द्वारा इस मामले पर एक प्रेस विज्ञप्ति को साझा करते हुए लिखा : सुप्रभात सुश्री माधबी. ‘अदाणी, बुच के खिलाफ कोई सबूत नहीं. सुप्रभात रीढ़विहीन सेबी. यहां आपके भाई के लेन-देन का विवरण देने वाली एसईसी की प्रेस विज्ञप्ति है.प्रधानमेंद्र नरेंद्र मोदी दें बयान : कुणाल घोष
अमेरिकी अभियोजकों ने अदाणी पर सौर ऊर्जा अनुबंधों के लिए अनुकूल शर्तों के बदले भारतीय अधिकारियों को 26.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर (लगभग 2200 करोड़ रुपये) की रिश्वत देने की साजिश में लिप्त होने का आरोप लगाया है. तृणमूल कांग्रेस के राज्य महासचिव कुणाल घोष ने कहा कि पहले भी समूह के खिलाफ अनियमितताओं के बारे में खबरें थीं. अब अमेरिकी अभियोजकों का यह एक बड़ा आरोप है. मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मुद्दे पर एक बयान देना चाहिए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है