सिकंदरा. किसी भी नगर क्षेत्र की पहचान उसकी साफ सफाई से होती है, लेकिन सिकंदरा नगर क्षेत्र में साफ-सफाई की स्थिति दयनीय अवस्था में पहुंच चुकी है. सिकंदरा नगर पंचायत के 12 में से 10 वार्ड पार्षदों समेत उप मुख्य पार्षद के द्वारा कार्यपालक पदाधिकारी अनीशा कुमारी को आवेदन देकर साफ-सफाई कार्य कर रही एजेंसी दिव्यांग सेवा श्रम पर कार्य में लापरवाही का आरोप लगाया गया है. इस दौरान वार्ड संख्या 01 की पार्षद अनीता देवी, वार्ड 03 के पार्षद राजेश कुमार मिश्रा, वार्ड 05 के पार्षद साबिर हुसैन, वार्ड 06 की पार्षद रेखा देवी, वार्ड 07 की पार्षद अनिता देवी, वार्ड 08 की पार्षद सीता देवी, वार्ड 09 की पार्षद तारा देवी, वार्ड 10 की पार्षद निशा देवी, वार्ड 11 के पार्षद विजय कुमार पांडेय व वार्ड 12 के पार्षद विष्णुदेव रविदास ने बताया कि करीब तीन वर्षों से उक्त एजेंसी के द्वारा नगर क्षेत्र में साफ सफाई कार्य किया जा रहा है. उसके बावजूद अभी तक नगर क्षेत्र में साफ-सफाई की स्थिति बदतर बनी हुई है. दशहरा, दीपावली व छठ महापर्व के दौरान भी समुचित साफ-सफाई नहीं हो पाने के कारण नगर क्षेत्र के कई गलियों में नाले का गंदा पानी जमा रहा और नाले के गंदे पानी से होकर छठ व्रतियों को गुजरना पड़ा. वार्ड पार्षदों ने इसे नगर पंचायत के लिए बेहद ही शर्मनाक स्थिति बताया. वार्ड पार्षदों का आरोप स्थानीय जनता व वार्ड पार्षदों के द्वारा इस बाबत कार्यपालक पदाधिकारी अनीशा कुमारी, लोक स्वच्छता पदाधिकारी रौशनी कुमारी समेत सफाई जमादार व सफाई सुपरवाइजरों को भी मौखिक व लिखित रूप से भी कई बार साफ-सफाई की समस्या से अवगत कराया गया. लेकिन लापरवाह पदाधिकारियों व एजेंसी के द्वारा आम जनता व वार्ड पार्षदों की बातों को दरकिनार कर मनमाने पूर्वक कार्य किया जा रहा है. दशहरा, दीपावली व छठ जैसे महापर्व के दौरान भी शहर की गलियों व छठ घाटों की साफ सफाई को लेकर किसी वार्ड पार्षद से कोई चर्चा नहीं किया जाना भी नगर निकाय की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को उपहासित करता प्रतीत होता है. वार्ड पार्षदों के आरोप है कि त्योहारों के दौरान शहर की बदतर सफाई व्यवस्था के कारण जनता द्वारा निर्वाचित वार्ड पार्षदों की प्रतिष्ठा धूमिल हुई है. वहीं मॉनसून के दौरान भी ससमय नालों की समुचित सफाई नहीं हो पाने के कारण कई स्थानों पर जलजमाव की स्थिति बनी रही. जलजमाव वाले स्थानों पर न तो नियमित रूप से चूना ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया जा रहा है और न ही डस्टबिन से प्रतिदिन कचरा उठाया जाता है. वार्ड पार्षदों ने बताया कि साफ सफाई कार्य पर प्रतिमाह 10-12 लाख रुपये से अधिक की राशि खर्च किये जाने के बावजूद एजेंसी द्वारा मनमाने तरीके से कार्य किया जा रहा है. सफाईकर्मियों की मनमानी एवं साफ-सफाई का कार्य समुचित तरीके से नहीं हो पाने के कारण नगर पंचायत के हम सभी जनप्रतिनिधियों को आम जनता का कोपभाजन बनना पड़ रहा है. पार्षदों ने बताया कि ऐसा आभास होता है कि शहर की सफाई के नाम पर सरकारी राशि की लूट खसोट व बंदरबांट किया जा रहा है. वार्ड पार्षदों द्वारा द्वारा नगर क्षेत्र में साफ-सफाई का कार्य गुणवत्तापूर्ण व संतोषजनक होने तक एजेंसी के भुगतान पर तत्काल रोक लगाने की मांग की गयी है.
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