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टाटा ग्रुप कभी रिश्वत देकर या भ्रष्टाचार कर कोई काम नहीं करता : हरीश भट

Jamshedpur News : विश्वास का दूसरा नाम है टाटा. हमने यह विश्वास कमाया है. यह एक दिन की प्रैक्टिस में नहीं, बल्कि इसके लिए कंपनी के बड़े अधिकारियों से लेकर अंतिम पायदान के कर्मचारियों ने पूरी निष्ठा, ईमानदारी व नैतिक मूल्यों के साथ अनवरत कार्य किया.

एक्सएलआरआइ में 32वें जेआरडी टाटा ऑरेशन का आयोजन

Jamshedpur News :

विश्वास का दूसरा नाम है टाटा. हमने यह विश्वास कमाया है. यह एक दिन की प्रैक्टिस में नहीं, बल्कि इसके लिए कंपनी के बड़े अधिकारियों से लेकर अंतिम पायदान के कर्मचारियों ने पूरी निष्ठा, ईमानदारी व नैतिक मूल्यों के साथ अनवरत कार्य किया. टाटा ग्रुप वह कॉरपोरेट घराना है, जो कभी भी किसी प्रोजेक्ट लेने के लिए रिश्वत देकर, भ्रष्टाचार कर या राजनीतिक तौर पर गड़बड़ी कर कोई काम नहीं लेता है. उक्त बातें टाटा ग्रुप के डायरेक्टर हरीश भट ने कही. शुक्रवार को वे एक्सएलआरआइ जमशेदपुर के टाटा में बिजनेस एथिक्स पर 32वें जेआरडी टाटा ऑरेशन में बतौर मुख्य अतिथि सभी को संबोधित कर रहे थे. इससे पूर्व उन्होंने टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन, एक्सएलआरआइ के डायरेक्टर फादर एस जॉर्ज, डीन एडमिन प्रो. संजय पात्रो और जेआरडी टाटा बिजनेस एथिक्स के चेयरपर्सन फादर कुरुविला पांडिकट्टू के साथ संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की. इस दौरान उन्होंने “सही काम करना – रतन टाटा की विरासत ” विषय पर अपनी बातों को रखा. इस दौरान श्री भट ने कहा कि रतन टाटा अपने कड़े फैसलों के लिए हमेशा जाने जाते थे. उनके फैसलों के केंद्र में हमेशा नेशन फर्स्ट रहता था. लोगों के साथ कमिटमेंट को हमेशा उन्होंने निभाया, भले इसके लिए आर्थिक रूप से नुकसान ही उठाना क्यों न हो, लेकिन एथिक्स और मोरल वैल्यूज के साथ कभी समझौता नहीं किया.हरीश भट ने एक उदाहरण के तौर पर कहा कि वर्ष 2000 में टाटा फाइनांस में करीब 500 करोड़ रुपये का फ्रॉड हुआ. ग्राहकों में अपने पैसे डूबने को लेकर डर सता रहा था. बोर्ड मीटिंग में इसकी जानकारी होने के साथ ही रतन टाटा ने ही सबसे पहले खुल कर कहा कि टाटा फाइनांस में फ्रॉड हुआ है. लेकिन, ग्राहकों को डरने की आवश्यकता नहीं. उनके मेहनत की एक-एक पाई को टाटा ग्रुप वापस करेगा. इसके बाद टाटा ग्रुप ने करीब 600 करोड़ रुपये देकर एक-एक ग्राहक के पैसे वापस किए. इसी प्रकार नैनो को लेकर रतन टाटा ने घोषणा की थी कि वे उपभोक्ताओं को एक लाख रुपये में नैनो कार देंगे. लेकिन, किसी वजह से प्लांट पश्चिम बंगाल में नहीं लग कर गुजरात में लगा. नये सेटअप के साथ ही वर्षों तक प्रोजेक्ट के लटकने के बाद नैनो मैन्यूफैक्चरिंग कॉस्ट बढ़ जाने के बाद भी रतन टाटा ने नैनो की कीमत नहीं बढ़ायी. उन्होंने पब्लिक से एक लाख रुपये में नैनो कार देने का जो वायदा किया था, उसे पूरा किया. इसी प्रकार टाटा इंडिका जब लॉन्च किया गया तो शुरुआती दिनों में इसमें कई प्रकार की परेशानियां आयी. इंजीनियरिंग से लेकर कई तकनीकी दिक्कतें आई. उसे ठीक किया गया. उसके बाद उसे फिर से री-लॉन्च किया गया. लाख परेशानियां आने के बाद भी उन्होंने ग्राहकों का साथ कभी नहीं छोड़ा. भारत और इस देश के लोगों के प्रति उनका कमिटमेंट ही उन्हें रतन टाटा बनाता है. सुपर कंप्यूटर की शुरुआत जब हुई तो भारत इसमें पीछे था, लेकिन टाटा ने इस क्षेत्र में भी शानदार कार्य करते हुए टाटा एका सुपर कंप्यूटर बनाया जो 2007 में फास्टेस्ट सुपर कंप्यूटर की रैंकिंग में दुनिया में चौथा स्थान रखता है. गौरतलब है कि एक्सएलआरआइ दूरदर्शी उद्योगपति और टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष जेआरडी टाटा के नाम पर वार्षिक जेआरडी टाटा व्याख्यान पिछले तीन दशकों से करता रहा है. यह नैतिक व्यावसायिक आचरण के सिद्धांतों को बनाए रखने और उनका प्रचार-प्रसार करने का प्रयास करता है.

मुंबई में आतंकी हमले के सभी पीड़ितों के दर्द पर लगाया मरहम

हरीश भट ने कहा कि मुंबई के ताज होटल पर जब हमला हुआ तो हमले के तीन-चार दिनों के बाद जब स्थिति सामान्य हुई तो उसके बाद रतन टाटा होटल गये. वहां की स्थितियों को देखने के बाद उन्होंने तत्काल यह घोषणा की थी कि इस घटना में ना सिर्फ ताज होटल के कर्मचारी, बल्कि पुलिसकर्मी, दमकल कर्मी, सामान्य लोग या फिर जो कोई भी पीड़ित हुए हैं, उन्हें टाटा ग्रुप मदद करेगी. आखिर सिर्फ ताज की बजाय पूरे मुंबई के लोगों की मदद क्यों, इस सवाल के जवाब में रतन टाटा ने कहा था कि मुंबई ने टाटा को बहुत कुछ दिया है. अब उन्हें वापस लौटाने का वक्त आया है तो टाटा इसमें कभी पीछे नहीं हटेगा. श्री भट ने कहा कि रतन टाटा ना सिर्फ इंसान के लिए बल्कि जानवरों के लिए भी सोचते थे. यही कारण है कि बॉम्बे हाउस के पास श्वानों के लिए कैनल के साथ ही जानवरों के लिए भी अस्पताल बनाया गया है.

कौन हैं हरीश भट

हरीश भट पिछले 37 वर्षों से टाटा समूह से जुड़े हैं. भट ने टाटा संस में ब्रांड कस्टोडियन, टाटा ग्लोबल बेवरेजेज के सीईओ और टाइटन की घड़ियों और आभूषण कारोबार के सीओओ जैसी प्रमुख भूमिका निभाई है. वर्तमान में, वह ट्रेंट, इनफिनिटी रिटेल (क्रोमा) और टाटा स्टारबक्स जैसी कंपनियों के बोर्ड में सलाहकार और निदेशक के रूप में कार्य करते हैं.अपनी मार्केटिंग विशेषज्ञता के लिए प्रसिद्ध, भट ने टाइटन, तनिष्क, फास्टट्रैक और टाटा टी जैसे प्रतिष्ठित ब्रांडों के विकास में योगदान दिया है. फोर्ब्स ने उन्हें 2022 और 2023 में दुनिया के शीर्ष 10 सबसे प्रभावशाली मुख्य विपणन अधिकारियों में से एक के रूप में मान्यता दी है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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