Rourkela News: राउरकेला इसपात संयंत्र (आरएसपी) ने ब्लास्ट फर्नेस-5 में एक महत्वपूर्ण मरम्मत परियोजना सफलतापूर्वक शुरू की है, जिससे कोक ओवन बैटरी-6 से ब्लास्ट फर्नेस-5 स्टॉक हाउस तक कोक ले जाने वाले एक किलोमीटर लंबे पाइप कन्वेयर की सुरक्षा और कार्यक्षमता सुनिश्चित हुई है. मरम्मत का उद्देश्य ट्रेसल-1 के संरचनात्मक पुर्जों में गंभीर संक्षारण और क्षति को दूर करना था, जो जमीन से 42 मीटर ऊपर स्थित एक महत्वपूर्ण सपोर्ट सिस्टम है. कार्य की जटिलता और ऊंचाई को देखते हुए मजबूत कार्य प्लेटफॉर्मों की व्यवस्था करना एक बड़ी चुनौती थी. ब्लास्ट फर्नेस विभाग ने समाधान तैयार करने के लिए आरसी(एम) विभाग के साथ सहयोग किया. संयुक्त निरीक्षण के बाद आरसी(एम) ने तुरंत एक मजबूत स्काफोल्डिंग सेवा प्रदान की.
स्काफोल्डिंग का पहला स्तर पूरा, मरम्मत कार्य शुरू
11 नवंबर 2024 को निर्माण कार्य शुरू करते हुए आरसी(एम) टीम ने अन्य साइटों से 15 टन स्काफोल्डिंग सामग्री जुटायी. स्काफोल्डिंग का पहला स्तर पूरा हो गया है, जिससे ब्लास्ट फर्नेस मैकेनिकल टीम मरम्मत कार्य शुरू करने में सक्षम हो गयी है. वरिष्ठ अधिकारियों में शामिल महाप्रबंधक (बीएफ) केपी मिश्रा, सहायक महाप्रबंधक (आरसी-एम) एस अख्तर, सहायक महाप्रबंधक (बीएफ) अमित नायक और वरिष्ठ प्रबंधक (आरसी-एम) आई भेंगरा ने विभागीय सुरक्षा अधिकारी और सुरक्षा इंजीनियरिंग विभाग के एएसओ के साथ मिलकर सीधे ऑपरेशन की निगरानी की. यह मरम्मत मुख्य महाप्रबंधक (मैकेनिकल) आरएन राजेंद्रन के नेतृत्व और महाप्रबंधक प्रभारी (आरसी-एम) जयदीप सेठी के मार्गदर्शन में सेल में पहली बार शुरू की गयी केंद्रीकृत स्काफोल्डिंग सेवा अनुबंध की रणनीतिक उपयोगिता को दर्शाती है. 25 मई, 2023 को अंतिम रूप देने के साथ ही अनुबंध परिवर्तनकारी साबित हुआ है, जिससे संयंत्र के विभिन्न विभागों में 532 कार्यों का सुरक्षित और कुशल निष्पादन संभव हो पा रहा है.
आरएसपी : ठेका श्रमिकों को गैस सुरक्षा का मिला प्रशिक्षण
राउरकेला इस्पात संयंत्र के सेक्टर-5 स्थित इस्पात सुरक्षा कौशल केंद्र ‘दीक्षा’ में गैस सुरक्षा पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस सत्र में संयंत्र के विभिन्न विभागों में कार्यरत 40 ठेका श्रमिकों ने भाग लिया. समापन सत्र के दौरान ठेका श्रमिकों को प्रशिक्षण के सफल समापन पर डीटीएनबीडब्ल्यूइ द्वारा जारी प्रमाण पत्र प्रदान किये गये. प्रशिक्षण कार्यक्रम में गैस सुरक्षा, गैस लाइनों के पास काम करने के संबंध में सुरक्षा और गैस लाइनों में काम करने के दौरान क्या करें और क्या न करें पर सैद्धांतिक जानकारी शामिल थी. सत्र का संचालन क्षेत्रीय निदेशालय (श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के तहत डीटीएनबीडब्ल्यूइ) के एसआर गोच्छायत तथा फैकल्टी पीएनमहंतो द्वारा किया गया. कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ प्रबंधक (एचआर-सीएलसी) राजीव मुखर्जी और एचआर-कंट्रैक्ट लेबर सेल टीम द्वारा किया गया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है