23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मंदारमणि के 140 होटलों को तोड़ने के फैसले पर हाइकोर्ट ने लगायी रोक

कलकत्ता हाइकोर्ट ने शुक्रवार को पूर्व मेदिनीपुर के समुद्र तटीय रिसॉर्ट शहर मंदारमणि में कथित अवैध निर्माणों को गिराने पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया.

बदला फैसला. 11 नवंबर को पूर्व मेदिनीपुर के जिला मजिस्ट्रेट ने होटलों को तोड़ने का दिया था आदेश

संवाददाता, कोलकाताकलकत्ता हाइकोर्ट ने शुक्रवार को पूर्व मेदिनीपुर के समुद्र तटीय रिसॉर्ट शहर मंदारमणि में कथित अवैध निर्माणों को गिराने पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया. याचिकाकर्ता मंदारमणि होटलियर्स एसोसिएशन ने कहा कि पश्चिम बंगाल राज्य तटीय क्षेत्र प्रबंधन प्राधिकरण (डब्ल्यूबीसीजेडएमए) के अध्यक्ष और पूर्व मेदिनीपुर के मजिस्ट्रेट द्वारा 11 नवंबर को एक नोटिस जारी किया गया था, जिसमें राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के मई, 2022 के आदेश के अनुसार मंदारमणि में होटलों, रिसॉर्ट्स और होमस्टे द्वारा 20 नवंबर तक अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने तथा साफ करने का निर्देश दिया गया था. बंगाल की खाड़ी के तट पर मंदारमणि में समुद्र तट के पास कथित अवैध निर्माणों को गिराने पर अंतरिम रोक लगाते हुए न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा ने निर्देश दिया कि 11 नवंबर का नोटिस 13 दिसंबर तक या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, प्रभावी नहीं होगा.

याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि पश्चिम बंगाल के संबंध में तटीय विनियामक क्षेत्र (सीआरजेड) अभी तक प्रकाशित नहीं हुआ है और इसके मद्देनजर, इसकी पहचान नहीं की जा सकती है. याचिकाकर्ता ने ध्वस्तीकरण आदेश को चुनौती देते हुए यह भी दावा किया कि यह आदेश कानून के प्रावधानों से परे है और इस तरह इसके अनुपालन में कोई कदम नहीं उठाया जा सकता है. अदालत ने कहा कि मामले की अभी विस्तार से सुनवाई होनी है और पक्षों को अपने-अपने समर्थन में तर्क देने हैं. यह मानते हुए कि मंदारमणि में निर्माणों के ध्वस्त होने का तत्काल खतरा है, न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा ने कथित अवैध निर्माणों के ध्वस्तीकरण के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी. अदालत ने प्रतिवादी भारत संघ और अन्य को याचिका में किये गये दावों के संबंध में चार दिसंबर तक रिपोर्ट दाखिल करने और याचिकाकर्ता द्वारा 10 दिसंबर को अगली सुनवाई तक उन पर जवाब देने का निर्देश दिया.

राज्य सचिवालय ने भी जिला प्रशासन के फैसले पर लगायी रोक

मंदारमणि के 140 होटलों को तोड़ने के फैसले पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी नाराजगी जाहिर की थी और इस संबंध में राज्य सचिवालय ने जिला प्रशासन से रिपोर्ट तलब की थी. जानकारी के अनुसार, शुक्रवार को राज्य सचिवालय ने भी जिला प्रशासन के फैसले पर स्थागनादेश लगा दिया है और इस बारे में जिला प्रशासन से विस्तृत रिपोर्ट तलब की.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें