शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) जिले का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है. रोजारा सैकड़ों मरीज यहां इलाज कराने पहुंचते हैं. कभी-कभी यह आंकड़ा हजार व दो हजार के बीच भी पहुंच जाता है. अस्पताल प्रबंधन मरीजों को बेहतर चिकित्सा व्यवस्था मुहैया कराने का दावा भी करता है. लेकिन सच्चाई इससे कोसों दूर है. यहां की अव्यवस्था देखकर बेहतर चिकित्सा सुविधा मिलने की आस लेकर अस्पताल पहुंचे मरीजों की उम्मीद दम तोड़ देती है. ऐसा नहीं है कि अस्पताल में संसाधनों की कमी है. अस्पताल के सभी विभागों में जरूरत अनुसार स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति है. एनएमसी की गाइडलाइन के अनुसार दवा समेत अन्य आवश्यक सामान व उपकरण उपलब्ध है. उचित प्रबंधन नहीं होने के कारण अस्पताल पहुंचे मरीजों को इधर-उधर भटकना पड़ता है. कई मरीज अव्यवस्था का आलम देख दूसरे अस्पताल का रुख करने को विवश हो जाते हैं.
मरीज को एक्स-रे कराने के लिए नहीं मिला वार्ड ब्वॉय :
कतरास निवासी 72 वर्षीय वृद्धा इमरजेंसी की महिला वार्ड में भर्ती हैं. दो दिन पहले चिकित्सकों ने एक्स-रे कराने की सलाह दी. दो दिन तक उसकी बेटी ने स्वास्थ्य कर्मियों से मां का एक्स-रे कराने की मिन्नतें की. लेकिन किसी ने उसकी एक न सुनी. शुक्रवार को ओपीडी में जाकर खुद से ह्वील चेयर लेकर इमरजेंसी पहुंची और उसमें बैठा कर एक्स-रे कराकर वापस बेड तक पहुंचाया.ओपीडी में वृद्धा को नहीं मिला ह्वील चेयर, सहारा देकर अंदर ले गये परिजन :
शुक्रवार को हीरापुर की र79 वर्षीय वृद्धा आशा देवी को उनके परिजन अस्पताल के ओपीडी लेकर पहुंचे थे. आशा चलने-फिरने में पूरी तरह असमर्थ थीं. परिजन ने ओपीडी में ह्वील चेयर ढूंढा, लेकिन ह्वील चेयर नहीं मिला. इस दौरान महिला बाहर ऑटो में ही बैठी थी. लगभग आधा घंटे तलाश के बाद परिजन उसे खुद सहारा देकर ओपीडी के अंदर ले गए. दर्द से वृद्धा कराह रही थी.यूएसजी मशीन हुई खराब, अल्ट्रासाउंड सेवा ठप :
एसएनएमएमसीएच के रेडियोलॉजी विभाग की यूएसजी मशीन शुक्रवार को खराब हो गयी. इससे केंद्र में अल्ट्रासाउंड सेवा ठप हो गयी. शुक्रवार की सुबह रेडियोलॉजी विभाग में अल्ट्रासाउंड जांच कराने बड़ी संख्या में मरीज पहुंचे थे. चिकित्सकाें ने एक मरीज का अल्ट्रासाउंड करना शुरू किया. इसके कुछ देर बाद ही यूएसजी मशीन ने काम करना बंद कर दिया. बाद में रेडियोलॉजी विभाग पहुंचे मरीजों को वापस लौटा दिया गया. यूएसजी मशीन खराब होने से अस्पताल में भर्ती मरीजों का भी अल्ट्रासाउंड नहीं हो पाया. अस्पताल प्रबंधन के अनुसार मशीन को दुरुस्त कराने में दो से तीन दिन का वक्त लग सकता है. इस दौरान यहां अल्ट्रासाउंड सेवा ठप रहेगी. हालांकि, अस्पताल परिसर स्थित पीपीपी मोड पर संचालित मणिपाल हेल्थ मैप में अल्ट्रासाउंड जांच की सुविधा जारी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है