चेयरपर्सन ने भाजपा पार्षद सजल घोष की बंद की माइक
संवाददाता, कोलकाता
निगम का मासिक अधिवेशन शुक्रवार को हुआ, लेकिन भाजपा पार्षद सदन से वॉकआउट कर गये है. कार्यवाही के दौरान भाजपा के कुल तीन पार्षदों में दो काउंसिलर सजल घोष और मीणा देवी पुरोहित मौजूद थे. सत्र के दौरान पार्षद सजल घोष ने हाल ही में तृणमूल पार्षद सुशांत घोष गोली मारने की कोशिश की घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि महानगर में कोई भी पार्षद सुरक्षित नहीं हैं. वह मीनाक्षी गंगोपाध्याय के एक प्रस्ताव का समर्थन करते हुए सदन को संबोधित कर रहे थे. मीनाक्षी ने महानगर के पार्कों को रात आठ बजे तक बंद किये जाने का प्रस्ताव रखा था. इसका समर्थन करते हुए सजल घोष ने कहा कि रात में पार्क बदमाशों का अड्डा बन जाता है. उनके वार्ड में भी यह समस्या है. इन असामाजिक तत्वों को पकड़ा जाना चाहिए. निगम के पार्षदों की जान भी खतरे में है. मेयर फिरहाद हकीम भी पुलिस के प्रति रोष व्यक्त कर चुके हैं. कोलकाता में भू-माफिया जमीन हड़पने के लिए ऐसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. इसी दौरान सजल घोष की माइक बंद कर दी गयी. चेयरपर्सन माला राय ने उन्हें सीधे उक्त प्रस्ताव पर बोलने का निर्देश दिया. साथ ही यह भी कहा कि भाजपा पार्षद के बयान को डिलीट कर दिया जायेगा. निगम के रिकॉर्ड में दर्ज नहीं किया जायेगा. इससे नाराज भाजपा पार्षद सदन से वॉकआउट कर गये.
बाहर निकलने के बाद सजल घोष ने मीडियाकर्मियों से कहा कि हमें सदन में सवाल पूछने या प्रस्ताव पेश करने की इजाजत नहीं दी जाती है. हम तृणमूल पार्षद सुशांत घोष पर जानलेवा हमले की कोशिश की घटना पर निंदा प्रस्ताव लाना चाहते थे, लेकिन चेयरपर्सन माला राय ने इसकी अनुमति नहीं दी. पुलिस और खुफिया तंत्र की विफलता के कारण पिछले दिनों सत्ता पक्ष और विपक्षी दल के कई नेताओं और विधायकों की मौत हो चुकी है. इससे साफ हो गया है कि निगम के पार्षद भी फिलहाल सुरक्षित नहीं हैं. ऐसे में पुलिस मंत्री और कोलकाता पुलिस पर सवला उठ ही सकता है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वार्ड-108 स्थित गुलशन कॉलोनी में बांग्लादेशी ही नहीं, रोहिंग्या भी रहे हैं. सत्ताधारी पार्टी इनका इस्तेमाल वोटिंग बॉक्स के लिए कर रही है.
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