Vastu Tips: आपके घर में देवी सरस्वती की मूर्ति रखने के कुछ खास वास्तु टिप्स बताए गए हैं. इस लेख में हम देवी सरस्वती की मूर्ति के बारे में बात करेंगे कि कैसे और कहां घर में मूर्ति स्थापित करना शुभ होगा. मां सरस्वती ज्ञान, कला और विद्या की देवी हैं और उनकी पूजा करने से व्यक्ति को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और ज्ञान के साथ-साथ बुद्धि भी बढ़ती है. हिंदू धर्म में माना जाता है कि आपको सभी देवी-देवताओं की मूर्तियों को सही दिशा में रखना चाहिए. अब ऐसे में आइए जानें कि घर की किस दिशा में मां सरस्वती की मूर्ति रखना शुभ माना जाता है.
अपने घर की पूर्व दिशा में रखें मां सरस्वती की मूर्ति
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में मां सरस्वती की मूर्ति को सही दिशा में रखने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है और व्यक्ति को शुभ फल भी मिलते हैं क्योंकि यह सूर्योदय की दिशा होती है. सूर्य को ज्ञान और ऊर्जा का स्रोत माना जाता है. पूर्व दिशा नई शुरुआत और नए अवसरों का प्रतीक है. पूर्व दिशा में मां सरस्वती की मूर्ति रखने से व्यक्ति के ज्ञान में वृद्धि होती है. अगर विद्यार्थी इस दिशा की ओर मुख करके अध्ययन करते हैं, तो उन्हें हमेशा सफलता मिलेगी.
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क्या आपको अपने घर की उत्तर दिशा में मां सरस्वती की मूर्ति रखनी चाहिए?
उत्तर दिशा को शांति, ज्ञान और समृद्धि की देवी लक्ष्मी का स्थान माना जाता है. उत्तर दिशा को धन की देवी लक्ष्मी का स्थान भी माना जाता है. इसलिए यहां देवी सरस्वती की मूर्ति रखने से व्यक्ति के जीवन में समृद्धि आती है. इस दिशा में देवी की मूर्ति रखने के साथ-साथ आपको रोजाना घी का दीपक भी जलाना चाहिए क्योंकि इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी होता है और अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं.
क्या आपको अपने घर की उत्तर-पूर्व दिशा में मां सरस्वती की मूर्ति रखनी चाहिए?
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वास्तु शास्त्र में उत्तर-पूर्व दिशा को ज्ञान, बुद्धि और रचनात्मकता का केंद्र माना जाता है. इस दिशा को ईशान कोण भी कहते हैं. यहां मां सरस्वती की मूर्ति रखने से विद्यार्थियों को पढ़ाई में सफलता मिलती है. मूर्ति के पास आप किताबें या संगीत के वाद्य यंत्र रख सकते हैं. अगर आपके बच्चे का पढ़ाई में मन नहीं लगता है तो आप उसे इस दिशा में बैठाकर पढ़ा सकते हैं और इस दिशा में मां सरस्वती की मूर्ति की पूरे विधि-विधान से पूजा कर सकते हैं क्योंकि शास्त्रों के अनुसार ऐसा करना लाभकारी माना गया है.