गढ़वा. गढ़वा विधानसभा चुनाव में इस बार अनुमान था कि समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ रहे गिरिनाथ सिंह झामुमो और भाजपा के आमने-सामने की लड़ाई को त्रिकोणीय बनाने में सफल होंगे और इसका चुनाव परिणाम पर असर होगा. लेकिन चुनाव को त्रिकोणीय बनाने की बात तो दूर, गिरिनाथ सिंह अपनी जमानत तक नहीं बचा पाये. जहां झामुमो व भाजपा के प्रत्याशियों को एक लाख से उपर मत मिले, वहीं गिरिनाथ सिंह महज आठ हजार वोट तक ही सिमट कर रह गये. विदित को कि पिछले 2019 के चुनाव में भी सत्येंद्रनाथ तिवारी व मिथिलेश ठाकुर इन्हीं दो प्रत्याशियों के बीच आमने-सामने की लड़ाई थी. इस चुनाव में गढ़वा सीट से लगातार चार बार चुनाव जीते गिरिनाथ सिंह को पूरे दम-खम के साथ मैदान में आने से लगा था कि विधानसभा का चुनाव त्रिकोणीय होने के साथ ही रोचक भी होगा. लेकिन यह अनुमान गलत साबित हुआ और मतों को ध्रुवीकरण झामुमो और भाजपा के बीच होकर रह गया.
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