Jharkhand Election 2024: सरायकेला, शचिंद्र कुमार दास/प्रताप मिश्रा- झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी उम्मीदवार चंपाई सोरेन सरायकेला विधानसभा सीट से चुनाव जीत गए हैं. उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा के उम्मीदवार गणेश महाली को हरा दिया है. सरायकेला विधानसभा क्षेत्र से चंपाई सोरेन ने सातवीं बार जीत दर्ज कर एक रिकॉर्ड बनाया है. चंपाई सोरेन ने पहली बार भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ते हुए यह जीत दर्ज की है. इससे पूर्व झामुमो के टिकट पर पांच बार तथा निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में एक बार चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे है. चंपाई सोरेन का राजनीतिक सफर काफी संघर्षपूर्ण रहा है. 80 के दशक में अलग झारखंड राज्य आंदोलन के जरिए चंपई सोरेन ने राजनीति में कदम रखा था. गम्हरिया प्रखंड के जिलिंगगोडा गांव में एक किसान परिवार में जन्मे चंपाई सोरेन 10वीं तक की पढ़ाई की, इसके बाद पढ़ाई छोड़ झारखंड आंदोलन में कूद गये.
90 के दशक में उन्होंने जमशेदपुर व आस पास के क्षेत्रों में असंगठित मजदूरों के हित में बड़े आंदोलन किये. वर्ष 1991 से 2024 तक सरायकेला विधानसभा क्षेत्र के लिए हुए विधानसभा चुनावों में एक टर्म को छोड़कर उन्होंने सभी चुनावों में जीत दर्ज की है. सरायकेला विधानसभा क्षेत्र से चंपाई सोरेन ने अब तक सात बार जीत दर्ज की है, जबकि उन्हें वर्ष 2000 के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था. चंपई सोरेन कोल्हान में झारखंड टाइगर के नाम से फेमस हैं. चंपाई सोरेन को राजनीति का लंबा अनुभव है.
निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर पहली बार जीते थे विधानसभा चुनाव
चंपाई सोरेन पहली बार वर्ष 1991 के सरायकेला विस क्षेत्र से उपचुनाव में बतौर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीत दर्ज कर विधायक बने थे. इस चुनाव में चंपाई सोरेन ने सिंहभूम के तत्कालीन सांसद कृष्णा मार्डी की पत्नी मोती मार्डी को हराया था. इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. वर्ष 1995 के विस चुनाव में झामुमो के टिकट पर चुनाव लड़ कर भाजपा के पंचु टुडू को 15246 वोट से हरा कर फिर से विधायक बने थे. वर्ष 2000 के विधानसभा चुनाव में भाजपा लहर के कारण अनंत राम टुडू के हाथों पहली बार चंपई सोरेन को 8783 वोटों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद वर्ष 2005 में चंपई सोरेन ने भाजपा के लक्ष्मण टुडू को 882 वोट के अंतर से जीत दर्ज की. 2009 के चुनाव में भी भाजपा के लक्ष्मण टुडू को 3246 वोट से हराकर जीत दर्ज की. वर्ष 2014 के विस चुनाव में 1115 तथा 2019 के विस चुनाव में करीब 15,667 हजार वोट से जीत दर्ज कर विस पहुंचे.
झारखंड में एक बार मुख्यमंत्री तो चार बार रहे मंत्री
चंपाई सोरेन राज्य में चार बार मंत्री व एक बार मुख्यमंत्री का पद संभाल चुके है. पहली बार वर्ष 2010 में भाजपा-झामुमो गठबंधन वाली अर्जुन मुंडा की सरकार में कैबिनेट मंत्री बने थे. इसके बाद वर्ष 2013 में झामुमो-कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनी तो इन्हें फिर से मंत्री पद मिला और तीन विभाग उद्योग, परिवहन और आदिवासी कल्याण मंत्रालय के मंत्री रहे. वर्ष 2019 में राज्य में झामुमो-कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनी तो हेमंत सोरेन की सरकार में 28 जनवरी 2020 को चंपई सोरेन को फिर एक बार मंत्री बनाया गया. इसके बाद बड़े राजनीतिक घटनाक्रम में जब 31 जनवरी 2024 को एक मामले में ईडी ने तत्कालीन सीएम हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया, तो इंडिया गठबंधन ने सीएम पद के लिये चंपाई सोरेन को चुना. इसके बाद चंपाई सोरेन 02 फरवरी 2024 से 03 जुलाई 2024 तक झारखंड के 7 वें मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किये. जेल से बाहर निकलने के बाद चंपाई सोरेन से सीएम पद से इस्तीफा दिया, हेमंत सोरेन सीएम बने. इस सरकार में भी चंपाई सोरेन जल संसाधन मंत्री के रूप में कार्य किये. इस दौरान सीएम हेमंत सोरेन के साथ कुछ मुद्दों पर उनकी दूरियां बढ़ती गयी और उन्होंने झामुमो से इस्तीफा दे कर विगत 30 अगस्त को भाजपा में शामिल हो गये.