तमाम रणनीतियों के बावजूद जनजातीय सीट पर जीत दिलाने में भाजपा के दिग्गज फेलआनंद जायसवाल, दुमका
संताल परगना की जनजातीय सीटों पर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने एक बार फिर अपने प्रभाव और मजबूत पकड़ को बरकरार रखा है. इस क्षेत्र की सभी सात एसटी (अनुसूचित जनजाति) आरक्षित सीटों पर झामुमो के प्रत्याशी विजय हासिल करने में सफल रहे हैं. झामुमो की इस विजय ने यह साबित कर दिया है कि जनजातीय क्षेत्रों में पार्टी की जड़ें न केवल गहरी हैं, बल्कि लगातार मजबूत होती जा रही हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की नेतृत्व क्षमता और पार्टी की रणनीतिक सफलता ने संताल परगना में झामुमो को अद्वितीय राजनीतिक ऊंचाई पर पहुंचा दिया है. बरहेट सीट से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शानदार जीत दर्ज की है, जबकि महेशपुर से प्रोफेसर स्टीफन मरांडी ने झामुमो की जीत की हैट्रिक लगाई और सातवीं बार विधानसभा पहुंचे. स्टीफन मरांडी की जीत का अंतर इस बार जनजातीय सीटों में सर्वाधिक रहा, जो 61,175 वोटों का है. शिकारीपाड़ा क्षेत्र झामुमो का अभेद्य गढ़ साबित हुआ है. यहां सात बार विधायक रहे नलिन सोरेन के बेटे आलोक सोरेन ने 41,174 वोटों के बड़े अंतर से जीत हासिल की. उन्होंने भाजपा के परितोष सोरेन को किसी भी राउंड में बढ़त लेने नहीं दी. इसी तरह, लिट्टीपाड़ा सीट से हेमलाल मुर्मू 26,749 वोटों के अंतर से विजयी रहे. दुमका विधानसभा क्षेत्र में बसंत सोरेन ने अपनी जीत को दोहराया. जामा सीट से डॉ. लुईस मरांडी, जो पहली बार झामुमो के टिकट पर चुनाव लड़ रही थीं, ने इस सीट को पार्टी की झोली में डालने में सफलता पायी. यह सीट पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन के पास थी, जिन्होंने बाद में भाजपा का दामन थाम लिया था. सीता सोरेन को भाजपा ने जामताड़ा की सामान्य सीट से प्रत्याशी बनाया था, लेकिन वहां भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा. बोरियो सीट पर धनंजय सोरेन ने झामुमो के पूर्व विधायक लोबिन हेंब्रम को 19,273 वोटों के अंतर से हराया. लोबिन ने इस बार भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन धनंजय ने झामुमो के किले को मजबूत बनाए रखा और 97,317 वोटों के साथ बड़ी जीत दर्ज की.संताल परगना की एसटी सीटों का इतिहास
संताल परगना की 18 विधानसभा सीटों में से सात एसटी सीटों पर झामुमो का लंबे समय से वर्चस्व रहा है. इनमें लिट्टीपाड़ा, बरहेट और शिकारीपाड़ा ऐसी सीटें हैं, जहां पिछले छह चुनावों से झामुमो ने किसी और पार्टी को मौका नहीं दिया.2000 में: झारखंड के गठन के बाद सात एसटी सीटों में से छह पर झामुमो का कब्जा था. केवल महेशपुर सीट से भाजपा के देवीधन बेसरा विजयी हुए थे.
2005 में: झामुमो ने पांच सीटें जीतीं, भाजपा ने दो (जामा और बोरियो) और एक निर्दलीय (स्टीफन मरांडी) ने जीत दर्ज की. 2009 में: झामुमो ने छह सीटें जीतीं, जबकि महेशपुर सीट पर जेवीएम के मिस्त्री सोरेन विजयी हुए. 2014 में: भाजपा ने दुमका से लुईस मरांडी और बोरियो से ताला मरांडी के जरिए दो सीटों पर जीत दर्ज की. 2019 में: झामुमो ने गठबंधन की रणनीति अपनाकर सभी सात एसटी सीटों पर कब्जा जमाया. 2024 में: झामुमो ने फिर से इन सातों सीटों पर जीत हासिल कर अपनी पकड़ को दोहराया. ———————————————————–विधानसभा क्षेत्र-2000-2005-2009-2014-2019-2024
02 बोरियो-झामुमो-भाजपा-झामुमो-भाजपा-झामुमो-झामुमो03 बरहेट-झामुमो-झामुमो-झामुमो-झामुमो-झामुमो-झामुमो
04 लिट्टीपाड़ा-झामुमो-झामुमो-झामुमो-झामुमो-झामुमो-झामुमो06 महेशपुर-भाजपा-झामुमो-जेवीएम-झामुमो-झामुमो-झामुमो
07 शिकारीपाड़ा-झामुमो-झामुमो-झामुमो-झामुमो-झामुमो-झामुमो10 दुमका-झामुमो-निर्दलीय-झामुमो-भाजपा-झामुमो-झामुमो
11 जामा-झामुमो-भाजपा-झामुमो-झामुमो-झामुमो-झामुमो———————————————————–
इस बार किसे मिली जीत
विधानसभा क्षेत्र-जीते-हारे-अंतर02 बोरियो-धनंजय सोरेन(झामुमो)-लोबिन हेंब्रम (भाजपा)-19273
03 बरहेट-हेमंत सोरेन(झामुमो)-गमालिएल हेंब्रम (भाजपा)-3979104 लिट्टीपाड़ा-हेमलाल मुर्मू(झामुमो)- बाबूधन मुर्मू (भाजपा)-26749
06 महेशपुर-स्टीफन मरांडी(झामुमो)-नवनीत हेंब्रम (भाजपा)-6117507 शिकारीपाड़ा-आलोक सोरेन(झामुमो)-परितोष सोरेन (भाजपा)-41174
10 दुमका-बसंत सोरेन(झामुमो)-सुनील सोरेन (भाजपा)-1458811 जामा-डॉ लुईस मरांडी(झामुमो)-सुरेश मुर्मू (भाजपा)-5738
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