अग्निशमन विभाग की टीम ने कोर्ट परिसर में किया मॉक ड्रिल, न्यायिक पदाधिकारियों को दी गयी आग से बचाव की जानकारी मुंगेर. व्यवहार न्यायालय परिसर में शनिवार को अचानक फायर अलार्म बजने लगा. इसके कारण न्यायालय परिसर में अफरा-तफरी का माहौल उत्पन्न हो गया. कुछ ही मिनट में वहां अधिवक्ताओं की भीड़ उमड़ पड़ी. तब पता चला कि यहां तो अग्निशमन विभाग की टीम मॉक ड्रिल कर न्यायिक पदाधिकारियों को आग से बचाव की जानकारी दे रही है. अग्निशमन विभाग के डीएसपी अनुज कुमार, सहायक शैलेंद्र कुमार सिंह के नेतृत्व में टीम न्यायालय परिसर पहुंची. टीम ने गैस सिलेंडर में आग लगने पर क्या करें और क्या नहीं करें. इसकी जानकारी दी. टीम ने गैस सिलेंडर में आग लगा कर उसे सूती कपड़े के गमछे व चादर की मदद से बुझा कर दिखाया. टीम ने बताया कि जिस जगह पर आग लगने की आशंका हो, वहां बाल्टी में पानी-मग और सूती कपड़े का गमछा तथा बालू रहने पर आग की शुरुआत में ही उसे बुझाने में काफी मदद मिल सकती है. आग लगने पर लोगों को आग की प्रकृति का अवलोकन कर तत्काल उसे बुझाने की कोशिश करनी चाहिए. क्योंकि उसके फैल जाने पर बुझाना मुश्किल हो जाता है. आग लगने पर तुरंत उस पर बाल्टी व मग से पानी डाल दिया जाये या बालू डाल दिया जाये तो आग बुझ जाती है. प्रभारी जिला जज अविनाश कुमार, प्रिंसिपल जज अरविंद कुमार, डिस्ट्रिक्ट एंड एडिशनल सेशन जज रूम्पा कुमारी, स्पेशल जज एससी एसटी अविनाश कुमार द्वितीय, एसडीजेएम संगीता कुमारी सहित अन्य ने भी गैस सिलेंडर में लगी आग को बुझाने का अभ्यास किया.
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