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सिर्फ 3.63% छात्रों का बना अपार आईडी

जिले के विभिन्न विद्यालयों में नामांकित छात्र छात्राओं का अपार आईडी कार्ड बनाने में देरी हो रही है.

समस्तीपुर : जिले के विभिन्न विद्यालयों में नामांकित छात्र छात्राओं का अपार आईडी कार्ड बनाने में देरी हो रही है. समीक्षोपरान्त डीपीओ एसएसए मानवेंद्र कुमार राय ने इसे गंभीरतापूर्वक लेते हुए विभूतिपुर, कल्याणपुर, समस्तीपुर, सरायरंजन, सिंघिया, मोहिउद्दीननगर, हसनपुर, ताजपुर व दलसिंहसराय के बीईओ, प्रखंड परियोजना प्रबंधक, लेखा सहायक व डाटा इंट्री ऑपरेटर से स्पष्टीकरण पूछा है. डीपीओ एसएसए ने बताया कि बार-बार निर्देश दिया जा रहा है, बावजूद अपार आईडी बनाने की गति धीमी है. जिले के 3490 विद्यालयों में नामांकित 6,43,924 छात्रों में से 23362 का ही अपार आईडी जनरेट हुआ है. भारत सरकार के निर्देश के अनुसार सरकारी और निजी स्कूलों में कक्षा एक से 12वीं तक पढ़ने वाले बच्चों की अपार आईडी बनाई जानी है. ये आईडी यू-डायस पोर्टल पर बनाई जानी है. इसके लिए समय निर्धारित किया गया था. इस आईडी में छात्र-छात्राओं की सभी जानकारी अपलोड की जानी है. लेकिन, जिले के सरकारी और निजी स्कूलों में अपार आईडी बनाने में लापरवाही की जा रही है. सरकारी स्कूलों में स्थिति और ज्यादा खराब है. इस योजना के तहत विद्यार्थियों को हर वर्ष परीक्षा के बाद विषय के अनुसार क्रेडिट प्वाइंट्स भी दिए जायेंगे. यदि किसी विषय में विद्यार्थी की अभिनय उससे पिछले वर्ष की अपेक्षा ठीक नहीं होने पर भी विद्यार्थी उसी विषय को लेकर अपनी शिक्षा आगे जारी रख सकेगा. यह आईडी भी विद्यार्थियों को विद्यालय से कॉलेज जाने और उसके बाद उच्च शिक्षा के लिए दाखिला लेने में आसानी देगी. दाखिला देने से पहले संस्थान उसके उस विषय के क्रेडिट प्वाइंट को देखकर दाखिला दिया जा सकेगा. विदित हो कि नई शिक्षा नीति-2020 के तहत शुरू हुए वन नेशन वन स्टूडेंट आईडी के तौर पर ही यह अपार आईडी काम करेगी. इस आईडी के माध्यम से दुनिया के किसी भी कोने में विद्यार्थी अपने शैक्षणिक रिकॉर्ड को डिजिटल रूप देख सके और उसका उपयोग कर सकेंगे. इस कार्ड में एक अद्वितीय 12 अंकीय कोड छात्रों को स्कोर कार्ड, मार्कशीट, ग्रेडशीट, डिग्री, डिप्लोमा, प्रमाण पत्र और सह-पाठ्यचर्या उपलब्धियों सहित अपने सभी शैक्षणिक क्रेडिट को डिजिटल रूप से संग्रहीत, प्रबंधित और एक्सेस करने में मदद करेगा.

छात्रों की गतिशीलता को सहज बनाना

विभिन्न कारणों से छात्रों का कई संस्थानों में पढ़ाई करना सामान्य है, अपार एक एकीकृत प्रणाली के रूप में कार्य करेगा जो विभिन्न राज्यों और बोर्डों में छात्रों के लिए उपलब्ध होगी, जिससे वे एक संस्थान से दूसरे संस्थान में जाते समय सहज संक्रमण और लगातार रिकॉर्ड सुनिश्चित कर सके.

डेटा की सटीकता और निरंतरता में सुधार

अपार आईडी कार्ड छात्रों के रिकॉर्ड का एक एकीकृत और विश्वसनीय डेटाबेस प्रदान करेगा, जिससे कई प्रविष्टियों के कारण होने वाली विसंगतियां और गलतियां कम होंगी. यह निरंतरता सुनिश्चित करेगी कि शैक्षणिक डेटा सटीक और नवीनतम रहे, जिससे छात्रों और शैक्षणिक संस्थानों दोनों को लाभ होगा.

शैक्षणिक रिकॉर्ड का संग्रहण

अपार आईडी कार्ड से जुड़े डिजी लॉकर खाते छात्रों द्वारा सभी शैक्षणिक उपलब्धियों को एक सुरक्षित स्थान पर डिजिटल रूप से संग्रहित और साझा करने के लिए उपयोग किए जा सकते हैं.

नीति निर्माण और संसाधन आवंटन में सुधार

अपार के माध्यम से एकत्रित डेटा वीएसके के साथ साझा किया जायेगा, जो शैक्षणिक नीतियों और संसाधन आवंटन के निर्णय लेने में सहायक होगा. वीएसके प्रवृत्तियों का विश्लेषण करने, शैक्षणिक परिणामों का मूल्यांकन करने और क्षेत्र विशेष की आवश्यकताओं के अनुसार क्षेत्र विश्लेषण में मदद करेगा.

सर्व शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 का कार्यान्वयन

अपार प्रत्येक बच्चे के नामांकन, उपस्थिति और शैक्षणिक प्रगति की निगरानी में सुविधा प्रदान करता है, जिससे 6 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा की आरटीई अधिनियम की अनिवार्यता का पालन सुनिश्चित होता है.

ड्रॉपआउट की रोकथाम

छात्रों के शैक्षणिक रिकॉर्ड की निगरानी करके, अपार जोखिम में चल रहे छात्रों की पहचान करने में मदद करता है, जिससे समय पर हस्तक्षेप संभव होता है और स्कूल प्रणाली से बाहर होने से रोका जा सकता है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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