BOKARO NEWS : गोमिया विस सीट से झामुमो प्रत्याशी ने दस साल के बाद रिकाॅर्ड 36093 मतों के अंतर से जीत दर्ज की है. गोमिया विधानसभा सीट वर्ष 1977 से अस्तित्व में है. इसके पहले गोमिया विधानसभा क्षेत्र तत्कालीन हजारीबाग के मांडू विधानसभा क्षेत्र में आता था. 1977 से 2009 तक के विधानसभा चुनावों में इस सीट से निर्दलीय माधवलाल सिंह और भाजपा के छत्रुराम महतो जीतते रहे. 1977 में एकीकृत जनता पार्टी के छत्रु राम महतो ने इस सीट से जीत हासिल की. 1980 में पुनः उन्होंने दूसरी बार भाजपा के टिकट पर जीत दर्ज की. इसके बाद 1995 व 2005 में पुनः बतौर भाजपा उम्मीदवार जीत दर्ज की. 1985 में इस सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में माधवलाल सिंह जीते. उनका चुनाव चिह्न घोड़ा था. 1990 और 2000 में भी पुनः बतौर निर्दलीय जीत दर्ज की. वर्ष 2009 के चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर उन्होंने चौथी बार जीत दर्ज की. 2014 के चुनाव से क्षेत्र का राजनीतिक समीकरण अचानक बदला और झामुमो प्रत्याशी योगेंद्र प्रसाद महतो ने जीत दर्ज की. एक मामले में न्यायालय से दोषी करार होने के बाद 2018 में इस सीट पर उप चुनाव हुआ. इसमें झामुमो प्रत्याशी बबीता देवी (योगेंद्र प्रसाद की पत्नी) ने जीत दर्ज की. लेकिन 2019 के विधानसभा चुनाव में आजसू प्रत्याशी डॉ लंबोदर महतो जीते. पूर्व विधायक सह पूर्व मंत्री स्व छत्रुराम महतो ने 1972 में भी एक बार जनसंघ के टिकट पर जरीडीह विस सीट से चुनाव जीता था. उस वक्त जरीडीह विस में पेटरवार, कसमार और जरीडीह शामिल था. बाद में बेरमो विस में जरीडीह शामिल हो गया. गोमिया विधानसभा सीट से 1985 में कांग्रेस के रामाधार सिंह, 1990 व 1995 में इजरायल अंसारी, 1990 में जनता दल के सुनील सहाय (सुबोध कांत सहाय के भाई) तथा 2009 में निर्दलीय स्व तिलेश्वर साहू के अलावा गोमिया के देवनारायण प्रजापति ने 2005 में बसपा से तथा 2009 में बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव लड़ा, लेकिन सफल नहीं हो सके.
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