कोलकाता. भारत दुनिया के उन देशों में से एक है, जहां पार्किंसन रोग का कुल बोझ सबसे अधिक है. यहां बड़ी संख्या में मरीजों को कम उमर में ही मोटर लक्षणों की शुरुआत हो जाती है, लेकिन इसके बाद भी डीप ब्रेन स्टिमुलेशन (डीबीएस) के बारे में यहां पर जागरुकता की कमी है. महानगर में आयोजित कार्यक्रम में डॉ अनिर्बान दीप बनर्जी, निदेशक-न्यूरोसर्जरी, इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोसाईंसेज़, मेदांता हॉस्पिटल गुरुग्राम ने कहा कि न्यूरोलॉजिकल विकार पूरी दुनिया में विकलांगता के मुख्य कारणों में से एक हैं. भारत में इन बीमारियों का भार कुल बीमारियों का लगभग 10 प्रतिशत है. उन्होंने कहा कि कम और मध्यम आय वर्ग के देशों में तो यह इलाज और ज्यादा मुश्किल से मिल पाता है. मेदांता में हम डीप ब्रेन स्टिमुलेशन जैसी आधुनिक विधियों से इलाज करने और मरीजों को गुणवत्तापूर्ण जीवन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है.
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