23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार के इस विधानसभा सीट पर टूटे कई रिकॉर्ड, यहां से पहली बार चुनी गईं महिला विधायक

Bihar By Election: बिहार का इमामगंज विधानसभा क्षेत्र वर्ष 1957 से अस्तित्व में आया. तब से इस सीट पर पुरुष उम्मीदवार ही लगातार विजयी होते रहे. इस रिकॉर्ड को हम पार्टी की उम्मीदवार दीपा मांझी ने तोड़ दिया है. साथ ही कई अन्य रिकॉर्ड भी टूटे हैं.

Bihar By Election: बिहार का इमामगंज विधानसभा क्षेत्र वर्ष 1957 से अस्तित्व में आया. तब से इस सीट पर पुरुष उम्मीदवार ही लगातार विजयी होते रहे. इस रिकॉर्ड को इमामगंज विधानसभा क्षेत्र में हुए उपचुनाव में एनडीए समर्थित हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (सेकुलर) की उम्मीदवार ने तोड़ा है. इमामगंज विधानसभा क्षेत्र से पहली महिला दीपा मांझी हैं, जो विधायक बनकर इमामगंज विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करेंगी.

हालांकि जिस प्रकार से जीतन राम मांझी ने 2015 व 2020 में इमामगंज में हुए चुनाव में जीत दर्ज की थी, उसके अनुरूप दीपा ने जीत दर्ज नहीं की है. 2015 में जीतन राम मांझी लगभग 30 हजार मतों से जीते थे. वहीं, 2020 में लगभग 17 हजार मतों से विजयी हुए थे. हालांकि, परंपरागत सीट को बचाने में दीपा कामयाब जरूर हो गयी हैं.

इन मुद्दों पर मतदाताओं ने जताया भरोसा

यहां की चुनावी सभा में जीतन राम मांझी व डॉ संतोष कुमार सुमन ने गया-डाल्टेनगंज वाया इमामगंज, डुमरिया बांकेबाजार होते हुए नयी रेलवे लाइन बिछाने की बात कही थी. एक टेक्नोलॉजी सेंटर इमामगंज में बनाने, बड़ा अस्पताल, कॉलेज, सड़क, पुल व इमामगंज को जिला बनाने की बात कही थी. इस पर मतदाताओं ने विश्वास जताते हुए दीपा मांझी को वोट देकर विजयी बनाया.

Also Read: तीन सीटों पर परिवारवाद से राजनीति में आने वाले जीते, दो दिग्गज नेताओं के बेटों को मिली हार

त्रिकोणीय मुकाबले के कारण कम मार्जिन से मिली जीत

इमामगंज उपचुनाव में तीन प्रमुख राजनीतिक पार्टियों ने दमखम के साथ कैंपेनिंग की. इस बार चुनावी मैदान में AIMIM के उम्मीदवार भी मैदान में खड़े थे. ये दो पार्टियां जन सुराज एवं एआइएमआइएम के उम्मीदवारों ने मतदाताओं को अपनी ओर खूब आकर्षित किया. इसके कारण वोटों का बिखराव हुआ. जिस वजह से दीपा मांझी 5945 मतों से चुनाव जीती.

आजादी के बाद पहली बार शाम छह बजे तक हुआ था चुनाव

इमामगंज विधानसभा उपचुनाव में शाम छह बजे तक हुए मतदान पूरी तरह सफल रहा. क्षेत्र में पहली बार 29 बूथों पर हुए इस सफल मतदान से प्रशासन भी काफी उत्साहित है. वही शांतिपूर्वक मतदान हो जाने से मतदाताओं का भी आत्मबल बढ़ा है. पहले जब-जब चुनाव हुए नक्सलियों के भय से अतिसंवेदनशील बूथों पर तीन बजे और संवेदनशील बूथों पर चार बजे तक ही वोट हुआ करते थे. लेकिन अब बदलते माहौल में जिला प्रशासन ने दर्जनों बूथों पर शाम छह बजे तक वोटिंग करा कर एक मिसाल पेश की.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें