Gaya News: गया के वातावरण को प्रदूषण से मुक्त रखने के लिए निगम ने चार साल पहले 6 करोड़ रुपये की लागत से विष्णुपद श्मशान घाट पर शवदाह मशीन लगाई थी. लेकिन, अब तक शवों का दाह संस्कार सही तरीके से शुरू नहीं हो पाया है. इसमें हर तरफ से लापरवाही बरती गई. इतना ही नहीं, मशीन चलाने के लिए टेंडर भी दिया गया, लेकिन इसका भी कोई असर नहीं दिखा.
शवदाह के लिए ठेकेदार वसूल रहे पैसे
सूत्रों के अनुसार अब ठेकेदार शव का अंतिम संस्कार मशीन में करने के लिए 500 रुपए ले रहा है, भले ही शव का अंतिम संस्कार बाहर ही क्यों न किया जाए. ठेकेदार को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि मशीन काम कर रही है या नहीं. निगम के कई अधिकारी बदल गए, निगम बोर्ड का दूसरी बार गठन भी हो गया, लेकिन इस मामले में कोई सार्थक कदम नहीं उठाया जा सका.
एक ही शेड में हो रहा अंतिम संस्कार
श्मशान घाट से मिली जानकारी के अनुसार नदी में पानी होने और दाह संस्कार के लिए मशीन का इस्तेमाल नहीं होने के कारण शवों का अंतिम संस्कार एक ही शेड में किया जा रहा है. फिलहाल यहां हर दिन करीब 30-40 शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. स्थिति यह है कि एक शव का अंतिम संस्कार होते ही कई शव अंतिम संस्कार के लिए रख दिए जाते हैं.
कई बार आदेश के बाद भी नहीं हो सकी कोई कार्रवाई
प्रदूषण रहित शवदाह मशीन को चालू करने व खुले में अंतिम संस्कार पर रोक के लिए पहले के नगर आयुक्त ने कई बार आदेश जारी किया. इसके लिए कमेटी भी बनायी गयी, लेकिन कमेटी बनने के बाद अब तक चालू कराने की दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की गयी. इतना ही नहीं नगर निगम की ओर से दुकानदारों के लिए बनाये गये पक्के दुकानों का आवंटन नहीं किया गया. अब इसकी हालत भी खराब होने लगी है.
मशीन को कराया जायेगा चालू
शवदाह के लिए लगायी गयी मशीन को चालू कराने के लिए कार्रवाई की जायेगी. शुरू में ही इसके बारे में तरह-तरह की अफवाह उड़ा दी गयी. इसके चलते लोग यहां नहीं पहुंच रहे हैं. लोगों को इस बारे में जागरूक किया जायेगा. मशीन में शवदाह होने से प्रदूषण रहित वातावरण सभी को मिलेगा.
श्यामनंदन, उपनगर आयुक्त, नगर निगम
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