लगाया आरोप, मानक के अनुरूप बालू खनन नहीं होने से जा रही जान, पहले भी जताया था विरोधखैरा.
बरनार नदी में बालू के मानक के अनुरूप खनन नहीं करने का आरोप लगाते हुए रविवार को जीत झिंगोई गांव के ग्रामीणों ने विरोध जताया. इसे लेकर दर्जनों की संख्या में ग्रामीण बालू घाट पर ही धरना पर बैठ गये. ग्रामीणों का आरोप है कि बालू खनन को लेकर जो मानक तय किये गये हैं, उसे नजरअंदाज कर संवेदक द्वारा मनमाने तरीके से बालू का खनन किया जा रहा है. इस कारण नदी घाट में कई मीटर गहरे गड्ढे बन गये हैं. इन गड्ढों में डूबकर अबतक कई लोगों की मौत भी हो चुकी है.रविवार की सुबह जीत झिंगोई गांव के दर्जनों लोग बालू घाट पर पहुंचे और बालू उठाव में लगे जेसीबी और पोकलेन को काम करने से रोक दिया. इस दौरान ग्रामीणों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया. ग्रामीणों ने कहा कि निर्धारित एक फीट की जगह चार से पांच फीट गहराई तक बालू का उठाव किया जा रहा है. ग्रामीणों ने कहा कि यह नियमों के विरुद्ध है. मजदूरों द्वारा बालू उठा ट्रैक्टर में भरकर डंप करना है और फिर वहां से ट्रक से बालू का उठाव करना है, पर यहां धड़ल्ले से जेसीबी व पोकलेन से बालू का उठाव किया जा रहा है. जीत झिंगोई के ग्रामीणों ने बरनार नदी तट पर जमकर नारेबाजी की और कुछ घंटे धरना भी दिया.
बालू खनन के विरोध की सूचना पाकर खनन विभाग के पदाधिकारी बालू उठाव घाट पर पहुंचे और उन्होंने नियमों के विरुद्ध बालू का उठाव नहीं किये जाने का आश्वासन दिया. इसके बाद ग्रामीण शांत हुए. अधिकारी के आश्वासन के बाद फिर से बालू का उठाव प्रारंभ कर दिया गया.डीएम को भी दिया था आवेदन
ग्रामीणों ने कहा कि बालू उठाव में की जा रही मनमानी के विरुद्ध शनिवार को जिला पदाधिकारी को भी आवेदन दिया था. विरोध जताने वालों में रणवीर सिंह,अनिल रविदास, ओम प्रकाश सिंह, अवधेश रावत, प्रमोद रावत, श्रवण सिंह, जयशंकर सिंह, बद्री पासवान, किशोरी यादव, आशीष कुमार सिंह, भोला सिंह, विपिन सिंह, विनय सिंह सहित अन्य लोग शामिल थे.डूबने से हो रही मौत
गौरतलब है कि गत वर्ष कोल्हुआ घाट पर डूबने से एक युवक की मौत हो गयी थी. जबकि इस वर्ष गांव के दो ग्रामीणों की डूबने से जान चली गयी थी. इसे लेकर ही ग्रामीणों के द्वारा विरोध जताया जा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है