सीतामढ़ी. जिले के सुरसंड प्रखंड अंतर्गत मेघपुर गांव के रहने वाले चार बाल श्रमिकों को जिला श्रम पदाधिकारी द्वारा गठित टीम के द्वारा पंजाब के कपूरथला शहर के एक आलू फॉर्म से मुक्त कराकर सुरक्षित सीतामढ़ी लाया गया है. बताया गया कि कपूरथला के एक आलू फार्म हाउस के मालिक द्वारा इन बाल श्रमिकों से जबरदस्ती समय से अधिक काम कराया जाता था. दो महीने से उन्हें उनकी मजदूरी नहीं दी गयी थी. उनसे 12 से 15 घंटे काम करवाया जा रहा था. इसकी जानकारी मिलते ही श्रम संसाधन विभाग के पदाधिकारियों ने सक्रिय होकर कपूरथला प्रसाशन से समन्वय स्थापित की और सभी प्रवासी मजदूरों को मुक्त करवाने की दिशा में सफल प्रयास किया. इसके बाद वहां से नौ प्रवासी मजदूरों को मुक्त करवाया गया. इनमें चार नाबालिग बच्चे भी शामिल हैं. जननायक ट्रेन से सभी मुक्त कराये गये बाल श्रमिकों को सकुशल सीतामढ़ी लाकर घर वापसी कराया गया. श्रम अधीक्षक रमाकांत द्वारा 23 नवंबर को एक टीम गठित की गयी, जिसमें सुरसंड, पुपरी, बाजपट्टी व रुन्नीसैदपुर के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी शामिल थे. टीम द्वारा विभागीय वाहन से मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन से रात्रि को कपूरथला से मुक्त कराये गये श्रमिकों को सीतामढ़ी लाया गया. चार नाबालिग बच्चों में दुर्गा कुमार, आशिक कुमार, कृष्णा कुमार व नीरज कुमार को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया. वहीं, पांच प्रवासी मजदूर राजकिशोर सदा, मुकेश कुमार, प्रकाश कुमार, फेकू सदा व बुंदेल पासवान को सुरक्षित घर तक पहुंचाया गया. — चार बाल श्रमिकों को विभागीय योजनाओं का दिया जायेगा लाभ : श्रम अधीक्षक श्रम अधीक्षक ने बताया कि लाये गये चार बाल मजदूरों को श्रम संसाधन विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के तहत तत्काल सहायता राशि, मुख्यमंत्री राहत कोष से पात्रता के अनुसार लाभान्वित किया जायेगा. वहीं, जिले के अन्य विभागों से समन्वय स्थापित कर स्कूलों में नामांकन, आवास योजना, राशन कार्ड आदि की सुविधा प्रदान की जायेगी. विशेष टीम में श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी वरुण कुमार, प्रमोद कुमार, पिंटु कुमार व पंकज कुमार शामिल थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है