छपरा. सदर अस्पताल में बीते दिनों डीएम अमन समीर के निरीक्षण के बाद भी अस्पताल की व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है. रविवार को दो अलग-अलग मामले चौंकाने वाले घटित हुए. एक ओर जहां ब्लड सैंपल लेने वाले मरीज की जांच रिपोर्ट दूसरे मरीज को थमा दी गयी. वहीं इमरजेंसी विभाग में उपलब्ध दवा को भी बाहर से मंगा कर मरीज को अस्पताल कर्मी के द्वारा बेच दिया गया. इस मामले की जानकारी मिलते ही अस्पताल प्रशासन के वरीय अधिकारी इमरजेंसी विभाग पहुंचे और इसके बाद परिजनों से बात कर मामले को सुलझा लिया. लेकिन कई मरीजों का आरोप है कि आये दिन मरीज व परिजनों के साथ इमरजेंसी विभाग में लूट खसोट का धंधा जारी है. सदर अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचे पीड़ित बनियापुर थाना क्षेत्र के चेतन छपरा गांव निवासी गणेश रावत की पत्नी तारा देवी के परिजनों ने साफ तौर पर आरोप लगाते हुए कहा कि चिकित्सक व दलालों के बीच आपसी सहमति बनी हुई है और हम लोगों से जांच निजी क्लीनिक से कराकर रिपोर्ट मंगाने की बात कही गयी है. इमरजेंसी विभाग में बाहरी दवा मंगाने के नाम पर पंद्रह सौ से लेकर दो हजार तक की उगाही की गयी है.
अस्पतालों में चिकित्सक व दलालों का वर्चस्व
कुछ मरीजों ने बताया कि शनिवार की रात ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक के द्वारा मरीज के परिजनों पर यह साफ तौर पर दबाव बनाया जा रहा था कि अस्पताल की जांच रिपोर्ट सही नहीं है. बाहर का रिपोर्ट ही मान्य होगा. वहीं अस्पताल में आये दिल बाहरी दबाव बनाकर निजी क्लीनिक से जांच के नाम पर चिकित्सकों को मुंह मांगी रकम मुहैया करायी जाती है. जाने पर अस्पताल प्रबंधक राजेश्वर प्रसाद ने बताया कि मामले की जानकारी मिली है. वरीय अधिकारियों को इस मामले में संज्ञान दे दिया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है