संवाददाता, कोलकाता
देश की पहली मेट्रो कोलकाता मेट्रो रेलवे ( ब्लू लाइन) ने अपनी स्टील थर्ड रेल लाइनों को एल्युमीनियम थर्ड रेल लाइनों से बदलने का निर्णय लिया है. सितंबर से शुरू हुआ यह कार्य धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है. मेट्रो के सामने सबसे बड़ी चुनौती मेट्रो सेवा को बाधित किये बगैर यह कार्य पूरा करना है. शनिवार रात को सेंट्रल स्टेशन और महात्मा गांधी रोड मेट्रो स्टेशन के मुख्य लाइन के स्टील थर्ड रेल को एल्युमीनियम थर्ड रेल में बदल दिया गया. इससे पहले 7, 14 और 28 सितंबर को गिरीश पार्क और मैदान मेट्रो स्टेशन की यार्ड लाइनों को एल्युमीनियम थर्ड रेल में बदला गया था. स्टील थर्ड रेल, कोलकाता मेट्रो में 40 वर्षों से सफलतापूर्वक रेक को बिजली प्रदान कर रही है. प्रौद्योगिकी के विकास के साथ रेलवे में आज ऊर्जा संरक्षण पर विशेष जोर दिया जा रहा है. रेल मंत्रालय ने 2012 में निर्णय लिया कि सभी नये मेट्रो कॉरिडोर एल्युमिनियम थर्ड रेल से बनाये जायेंगे.
तदनुसार, 40 साल पुरानी ब्लू लाइन को छोड़कर मेट्रो रेलवे के सभी कॉरिडोर एल्युमिनियम थर्ड रेल लाइन से लैस कर दिया गया है. रेल मंत्रालय ने ब्लू लाइन कवि सुभाष से दमदम मेट्रो स्टेशन की 34 किलोमीटर लंबी स्टील थर्ड रेल को बदलने का निर्णय लिया है. भारत सरकार की हरित पहल को ध्यान में रखते हुए महाप्रबंधक पी उदय कुमार रेड्डी ने इस परियोजना को जल्द से जल्द पूरा करने पर जोर दिया है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है