Sambhal mosque violence : संभल की जामा मस्जिद में कोर्ट के आदेश पर रविवार को किये जा रहे सर्वे का विरोध किया गया. प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गए. इस दौरान 3 लोगों की मौत हो गई. हिंसा में 20 प्रशासनिक अधिकारी घायल हुए हैं. जिला मजिस्ट्रेट ने एक अधिसूचना जारी किया है. इसमें कहा गया है कि किसी भी बाहरी व्यक्ति, सामाजिक संगठन या जनप्रतिनिधि को प्रशासन के आदेश के बिना संभल में प्रवेश करने पर रोक लगा दी गई है.
संभल हिंसा में कुल चार एफआईआर दर्ज
संभल में पथराव की घटना पर मुरादाबाद रेंज के डीआईजी मुनिराज जी ने कहा, ”मौजूदा स्थिति शांतिपूर्ण है. महत्वपूर्ण स्थानों पर पुलिस तैनात की गई है. बीती रात हमने तीन मौतों की पुष्टि की थी, लेकिन आज मुरादाबाद में इलाज के दौरान एक और व्यक्ति ने दम तोड़ दिया. कुल 4 मौतें हुई हैं. स्थिति को देखते हुए हम इंटरनेट सेवा बहाल कर देंगे. आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. मैं संभल के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं. कुल चार एफआईआर दर्ज की गई हैं.
संभल हिंसा को लेकर पक्ष-विपक्ष आमने-सामने
यूपी में विपक्षी दलों ने संभल में हुई हिंसा के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा है कि पार्टी ने अपनी नफरत की राजनीति को बढ़ावा देने के लिए मस्जिद में सर्वे दल भेजा था. इस बीच बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद से ही ‘इंडिया’ गठबंधन अशांति फैलाने का प्रयास कर रहा है.
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क्यों संभल में हुई हिंसा?
उत्तर प्रदेश के स्थानीय अदालत में एक याचिका दाखिल करके दावा किया गया कि जिस जगह पर जामा मस्जिद है, वहां पहले हरिहर मंदिर था. इसके बाद सर्वे के आदेश दिए गए. जिले के अधिकारियों ने कहा कि सर्वे मंगलवार को पूरा नहीं किया जा सका. आमतौर पर दोपहर में होने वाली नमाज में हस्तक्षेप से बचने के लिए रविवार सुबह सर्वे की योजना बनाई गई थी. सर्वे की टीम जब पहुंची तो लोगों ने उसपर पथराव कर दिया.