गया. सभी प्रशासनिक विभाग विगत पांच, 10 व 15 वर्षों में जितने भी कार्य किये गये हैं, वर्तमान में जो काम हो रहे हैं और भविष्य में 2047 वर्ष के दृष्टिकोण को देखते हुए क्या-क्या करने से आम लोगों व क्षेत्र में कितना विकास होगा, इसकी रूपरेखा अगले सात दिनों के अंदर तैयार करेंगे. इस डेटा के आधार पर नीति आयोग की ओर से जिला एक्नॉलेजमेंट प्लान तीन माह के अंदर बनाया जाना है. इस योजना को लेकर डीएम ने सोमवार को सभी विभागों के पदाधिकारियों व बीडीओ के अलावा बिपार्ड पदाधिकारियों के साथ वीडियो काॅन्फ्रेसिंग के माध्यम से बैठक की. उन्होंने कहा कि बिहार लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास संस्थान की ओर से बिहार के भविष्य को नया आकार देने के लिए विकसित बिहार 2047 से संबंधित सर्वे का काम किया गया है. इस विजन को वास्तविकता बनाने के लिए आम लोगों की राय आवश्यक है. उन्होंने कहा कि बिहार लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास संस्थान आम लोगों को विकसित बिहार 2047 सर्वे पर प्रतिक्रिया देकरआकांक्षाओं और धारणाओं को साझा करने के लिए आमंत्रित किया है.इसके लिए वेबसाइट www.bipard.bihar.gov.in है. इस वेबसाइट पर जाकर आम जनमानस अपने विचारों से नीतिगत प्राथमिकताओं का मार्गदर्शन कर सकते हैं.
हर स्तर पर हो रहा बदलाव
डीएम ने बताया कि परिवहन विभाग द्वारा पिछले पांच या 10 वर्षों में वाहन पॉल्यूशन कम करने लिए बहुत बेहतर काम किये गये हैं. वाहनों को पेट्रोल व डीजल के मुकाबले सीएनजी में कैसे कन्वर्ट किया गया है. इससे फायदा मिल रहा है. इसी को देखते हुए हर विभाग के वाहनों को सीएनजी में बदलने की कवायद करनी है. पहले कितने वाहनों का रजिस्ट्रेशन कराया गया है. अब इनकी संख्या क्या है. कृषि विभाग का एक उदाहरण देते हुए कहा कि कितने प्रतिशत जमीन जो बंजर पड़ी है वहां अल्टरनेटिव खेती करवा रहे हैं, कितने खेत जो धान एवं गेहूं पर निर्भर थे. उन्हें अन्य खेती पर डाइवर्ट किये गये हैं.
अगले सप्ताह में लोगों से चर्चा कर तैयार कर लें खाका
डीएम ने सभी बीडीओ से कहा कि अगले एक सप्ताह के अंदर अपने प्रखंड के सभी स्टेकहोल्डर के साथ बैठक कर लें और अपने प्रखंड को अपने क्षेत्र को अपने टोले को कैसे आगे बढ़ना चाहते हैं. इस पर चर्चा करें. जानकारी लें कि पहले पेयजल की क्या स्थिति थी अब क्या स्थिति है और भविष्य में क्या स्थिति रहेगी, सिंचाई के साधन पहले क्या थे अभी क्या हैं और भविष्य में जनसंख्या जब बढ़ते रहेगी, तो सिंचाई के साधन को और कैसे बढ़ाएंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है