मुख्य संवाददाता,मुजफ्फरपुर
इन भवनों में प्रशिक्षण केंद्र की भी स्थापना की जायेगी, ताकि किसानों को गन्ना उद्योग के बारे में जानकारी और प्रशिक्षण दिया जा सके. इस भवन में उप निदेशक, ईख विकास, सहायक निदेशक, विशेष ईख पदाधिकारी और ईख पदाधिकारी का कार्यालय होगा. वर्तमान में कई जिलों में किराए के भवन या अन्य विभाग के कार्यालय में स्थित है. इस कारण विभाग द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजना किसानों तक पहुंचने में परेशानी होती है. इसके अलावा किसानों को प्रशिक्षण भी नहीं दिया जा रहा है. इसी को लेकर उन्होंने प्राथमिकता के आधार पर भूमि उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है. पटना, मुजफ्फरपुर, पूर्वी व पश्चिमी चंपारण, सिवान, सीतामढ़ी, दरभंगा, समस्तीपुर, भागलपुर, सहरसा, जमुई, भोजपुर, पूर्णिया और गया जिले में क्षेत्रीय कार्यालय भवन का निर्माण होना है.
सूबे गन्ना की खेती (एक नजर )गन्ने की खेती करीब 2.70 लाख हेक्टेयर में होती है.
गन्ने की खेती मुख्य रूप से उत्तरी बिहार के ज़िलों में होती है. दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है. ऊंची या मध्य ज़मीन जहां जल निकासी की समुचित व्यवस्था हो, शरद कालीन रोपाई अक्टूबर से नवंबर के अंत तक और बसंत कालीन रोपाई जनवरी के अंत से मध्य मार्च तक की जाती है. बिहार में गन्ने के उत्पादन में कमी आई है. देश में कुल चीनी उत्पादन का 40 प्रतिशत बिहार में ही होता था, लेकिन अब यह आंकड़ा घटकर मात्र ढाई से तीन प्रतिशत रह गया़डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है