Purnia news : कहते हैं, देर आये दुरुस्त आये. सरकार की नजर-ए-इनायत हुई, तो हवाई उड़ान के लिए सालों से जारी संघर्ष को भी विराम लगा. इसी के साथ एयरपोर्ट के लिए चलायी जा रही मुहिम को भी मुकाम मिल गया. इस मुहिम में खास यह रहा कि इसमें जनता की जनभागीदारी जबर्दस्त रही. इस जनभागीदारी में जिससे जो बन पाया, सभी ने अपनी-अपनी जवाबदेही समझकर इस मुहिम को सफल बनाया. एयरपोर्ट की मांग को जनप्रतिनिधियों ने सड़क से संसद तक पहुंचाने में अपनी अहम भूमिका निभायी. इधर, सड़क पर उतरे नागरिकों ने पूरी एकजुटता के साथ आंदोलन को आगे बढ़ाया. स्थानीय स्तर पर डाॅक्टर, इंजीनियर, व्यवसायी, अधिवक्ता और खेल संगठनों के साथ विदेशों में रहनेवाले पूर्णिया के लोगों ने भी इस मांग को लेकर अपनी आवाज बुलंद की.
2015 में पीएम मोदी ने एयरपोर्ट के लिए की थी घोषणा
दरअसल, पूर्णिया से अब बहुत जल्द ही पोर्टा केबिन काॅन्सेप्ट पर हवाई सेवा शुरू होने की आस बंधने पर पूर्णियावासियों ने राहत की सांस ली है. टर्मिनल निर्माण के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा जारी निर्देशों के बाद यह संभावना बनी है कि अगले साल जून तक हवाई सेवा शुरू हो जायेगी. 2015 में प्रधानमंत्री ने पूर्णिया एयरपोर्ट चालू करने की घोषणा की थी. इसे भारत सरकार के उड़ान स्कीम के तहत विकसित करने का फैसला लिया गया. इसके लिए बिहार सरकार की ओर से पहले चरण में 52.18 एकड़ भूमि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को उपलब्ध करायी गयी, पर बाद में अतिरिक्त 15 एकड़ भूखंड समेत कई पेच लग गये, जिससे तत्काल यह सेवा शुरू नहीं हो सकी. नतीजतन नागरिकों का रोष बढ़ा और एयरपोर्ट फॉर पूर्णिया की मुहिम तेज हो गयी. नतीजतन ‘पूर्णिया मांगे एयरपोर्ट’ का नारा हर जुबान पर आ गया और अलग-अलग माध्यमों से एयरपोर्ट को लेकर पूर्णिया की आवाज को सरकार तक पहुंचाने की कोशिश की गयी.
अलग-अलग कई चरणों में हुए आंदोलन
पूर्णिया से हवाई सेवा शुरू किये जाने की मांग को लेकर अलग-अलग कई चरणों में आंदोलन किये गये. शुरुआती दौर में दो सालों तक लगातार हर रविवार को महाधरना का कार्यक्रम किया गया. इस मांग को लेकर महारैली निकाली गयी, जिसमें शहर के डाॅक्टर, इंजीनियर, व्यवसायी, अधिवक्ता और खेल संगठनों के अलावा आम नागरिकों ने सक्रिय भागीदारी निभायी. एयरपोर्ट शुरू होने की उम्मीद में आरएनसाव चौक से काल्पनिक हवाई जहाज उड़ाया गया. कलाकारों की टीम ने नुक्कड़ नाटकों के जरिये लगातार सरकार का ध्यान आकृष्ट कराने की कोशिश की. इस दौरान छात्रों के संगठन द्वारा दिल्ली में भी धरना और प्रदर्शन का आयोजन किया गया. मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारा में अखंड चंडीपाठ और सर्वधर्म सभा तक का आयोजन किया गया, ताकि आध्यात्मिक शक्तियों द्वारा एयरपोर्ट की राह में आने वाली बाधाओं को समाप्त किया जा सके.
प्रशासन की तत्परता से आरंभ हुआ काम
एयरपोर्ट निर्माण में आनेवाली बाधाओं के मद्देनजर पिछले सितंबर माह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चूनापुर में अधिकारियों के साथ बैठक कर एयरपोर्ट की प्रगति की समीक्षा की और बाधाओं को शीघ्र दूर करने का निर्देश दिया. इस आलोक में जिला प्रशासन न केवल एक्टिव हुआ, बल्कि क्रमवार रूप से पूर्व में अधिग्रहीत 52.18 एकड़ जमीन, अतिरिक्त 15 एकड़ के अधिग्रहण एवं अन्य तकनीकी कठिनाइयों को क्रमवार युद्ध स्तर पर दूर किया. इस क्रम में कई-कई बार एयरपोर्ट अथॉरिटी के अधिकारियों ने पूर्णिया का दौरा किया. पटना में भी बैठकें हुईं और आखिरकार प्रशासन की तत्परता से एयरपोर्ट निर्माण का काम शुरू हुआ और पूर्णिया से हवाई सेवा शुरू होने की उम्मीद जगी.