गुमला.
गुमला विस क्षेत्र से भूषण तिर्की को दोबारा विधायक बनाने के लिए इस बार हर प्रखंड की जनता ने साथ दिया है, जिसका नतीजा रहा कि भूषण तिर्की ने भाजपा के सुदर्शन भगत को 26 हजार से अधिक मतों से पराजित किया. अलबर्ट एक्का जारी प्रखंड, चैनपुर प्रखंड व डुमरी प्रखंड में भूषण तिर्की को रिकॉर्ड वोट मिला है. यहां तक कि रायडीह व गुमला शहर में झामुमो अक्सर पीछे रहता था. परंतु इन दो प्रखंडों में भी भाजपा से झामुमो आगे निकल गया. हर क्षेत्र में भूषण तिर्की ने सुदर्शन भगत को हराया है. इधर, भाजपा के कई नेताओं ने सुदर्शन भगत की हार के बाद प्रखंडवार मिले वोटों की समीक्षा की. समीक्षा में पाया गया कि झामुमो के भूषण तिर्की हर क्षेत्र से वोट लाये हैं. जबकि भाजपा वोट लाने में काफी पीछे रह गया. ऐसे भाजपा को सिर्फ पूर्वी क्षेत्र के मुरकुंडा में करीब 13 सौ वोट अधिक मिले हैं. बाकी क्षेत्र जैसे जारी, डुमरी, चैनपुर, रायडीह, गुमला ग्रामीण व गुमला शहर में झामुमो को दिल खोल कर वोट मिला है. भाजपा ने जो रिपोर्ट तैयार की है. उसके अनुसार डुमरी प्रखंड से झामुमो को 12631 वोट मिले हैं, जबकि भाजपा को 5599 वोट मिले. वहीं निर्दलीय मिशिर कुजूर को 807 वोट मिले हैं. इस प्रकार जारी प्रखंड में झामुमो को नौ हजार, भाजपा को तीन हजार 780 व निर्दलीय मिशिर कुजूर को 120 वोट मिले हैं. चैनपुर प्रखंड में झामुमो को 17 हजार 83, भाजपा को छह हजार, 631 व निर्दलीय मिशिर कुजूर को 1286 वोट मिले हैं. गुमला ग्रामीण क्षेत्रों से झामुमो को 16 हजार 393, भाजपा को 12 हजार 865 व निर्दलीय मिशिर कुजूर को 3621 वोट मिले हैं. मुरकुंडा पूर्वी क्षेत्र से झामुमो को एक हजार, 72, भाजपा को दो हजार, 404 व निर्दलीय मिशिर कुजूर को 157 वोट प्राप्त हुए हैं. गुमला शहर से झामुमो को 10 हजार, 696, भाजपा को 10 हजार 135 व मिशिर कुजूर को 886 वोट प्राप्त हुए हैं. रायडीह प्रखंड से झामुमो को 16 हजार, 367, वोट मिले हैं, जबकि भाजपा यहां भी हार गयी और 15 हजार 112 वोट ला सकी. जबकि निर्दलीय मिशिर कुजूर, जिनका घर रायडीह प्रखंड है. उनका जादू यहां नहीं चला. मिशिर को दो हजार 824 वोट रायडीह प्रखंड से मिले हैं.गुमला शहर व रायडीह से हारते रहा है झामुमो, इस बार जीता:
गुमला शहर व रायडीह प्रखंड भाजपा का गढ़ माना जाता रहा है. भाजपा इस क्षेत्र से हर समय चुनाव जीतती रही है. क्योंकि इस क्षेत्र की जनता अक्सर भाजपा के साथ खड़ी रहती हैं. परंतु इस बार के चुनाव में भाजपा का कोई जादू इन दोनों क्षेत्रों में नहीं चला. भाजपा से अधिक वोट झामुमो के भूषण तिर्की को मिला है. बताया जा रहा है कि भूषण तिर्की 2019 में जब विधायक बने थे, तो वे लगातार इन दो क्षेत्रों में अधिक मेहनत कर रहे थे.सुदर्शन को नहीं मिला जनता का साथ:
लोहरदगा संसदीय क्षेत्र से तीन बार सांसद व गुमला विस सीट से एक बार विधायक रहे सुदर्शन भगत को इस बार जनता का साथ नहीं मिला. यहां तक कि डुमरी प्रखंड जो सुदर्शन भगत को पैतृक क्षेत्र है. उस डुमरी प्रखंड की जनता ने भी सुदर्शन भगत का साथ नहीं दिया. डुमरी प्रखंड से भाजपा के सुदर्शन भगत को मात्र पांच हजार, 599 वोट मिले हैं. जबकि झामुमो के भूषण तिर्की को सुदर्शन भगत से दोगुने से अधिक 12 हजार 631 वोट प्राप्त हुए हैं. इस क्षेत्र के लोगों की माने, तो सुदर्शन भगत अपने पैतृक क्षेत्र में भी नहीं आते हैं. जबकि भूषण तिर्की लगातार क्षेत्र का भ्रमण करते रहे.शहर में नहीं निकले वोटर, भाजपा को हुआ नुकसान:
गुमला शहर से अक्सर भाजपा जीतती आयी है. इस बार गुमला शहर के वोटर अपने घरों से नहीं निकले, जिससे भाजपा को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है. गुमला शहर के कई ऐसे बूथ हैं, जहां 50 प्रतिशत भी मतदान नहीं हुआ. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि गुमला शहर में भाजपा को कितना बड़ा झटका लगा है. ऐसे गुमला शहर से हट कर ग्रामीण क्षेत्रों में वोटर घर से निकले और बूथ तक पहुंच कर वोट डाले हैं. इससे झामुमो को फायदा हुआ और भाजपा को नुकसान. भाजपा के वोट शेयर में भी काफी कमी आयी है. जबकि इस बार झामुमो का वोट शेयर दो दोगुना हो गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है