पटना में जमीअत-ए-उलेमा हिंद बिहार की ओर से संविधान बचाओ एवं कौमी एकजहती के विषय पर सेमिनार आयोजित किया गया था. इसमें देशभर के जमीअत-ए-उलेमा से जुड़े पदाधिकारियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया. जमीअत-ए-उलेमा हिंद के अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी ने कहा कि यह देश प्यार व मोहब्बत के साथ चलेगा और आगे बढ़ेगा. आज जो नफरतों की आंधियां चल रही है, अगर यह सामूहिक प्रयास के साथ बुझायी नहीं गयी, तो देश का बड़ा नुकसान होगा. मौके पर जमीअत-ए-उलेमा के निमंत्रण पर मौजूद देश के प्रसिद्ध खानकाह-ए-पीर दमड़िया शाह के सज्जादानशीन सैयद शाह फखरे आलम हसन ने कहा कि टकराव में किसी भी समस्या का समाधान नहीं है. शाह हसन ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि अल्पसंख्यकों से जुड़े वक्फ संशोधन बिल को 1995 वक्फ अधिनियम के मुताबिक चलने दिया जाये. सज्जादानशीन ने कहा कि बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार, पक्षपात व बढ़ती सांप्रदायिकता को समाज और देश से मिटाने के लिए काम करने की आवश्यकता है. देश का विकास उस समय होगा, जब सभी लोग मिलजुल कर रहेंगे. ——————————— मारवाड़ी कॉलेज में प्रभारी प्राचार्य नियुक्ति मामले में फिर राजभवन को लिखा पत्र टीएमबीयू के पीजी मैथिली विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो राम सेवक सिंह ने मारवाड़ी कॉलेज में प्रभारी प्रचार्य नियुक्ति मामले में फिर से सोमवार को राजभवन काे पत्र भेजा है. उन्हाेंने पत्र में कहा है कि राजभवन ने मामले में 28 अक्टूबर काे टीएमबीयू काे कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. इसकी रिपोर्ट 15 दिनाें में देने के लिए कहा था. साथ ही इसकी सूचना आवेदक काे भी देने का निर्देश दिया था. इस बाबत विवि प्रशासन ने उन्हें काेई सूचना अबतक नहीं दिया है. डाॅ सिंह ने पत्र में कहा है कि मारवाड़ी काॅलेज में कमिशन से बहाल प्रिंसिपल नहीं हैं. ऐसे में काॅलेज के ही वरीय शिक्षक काे प्रभारी प्राचार्य बनाया जाता है. इसी आधार पर उनके प्रभारी प्राचार्य बनने का मौका आया, तो विवि से उन्हें पीजी मैथिली विभाग में स्थानांतरण कर दिया गया. साथ ही उस समय पीजी के हेड को कॉलेज बुलाकर प्रभारी प्राचार्य बना दिया गया है. उन्होंने राजभवन से न्याय दिलाने के लिए कहा है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है