रांची.
जेसीइसीइबी ने राज्य के मेडिकल कॉलेजों में रिक्त सीटों को भरने के लिए स्पेशल स्ट्रे वेकेंसी राउंड काउंसेलिंग शुरू की है. आंकड़ों की माने तो अब भी राज्य के 16 मेडिकल कॉलेजों में से नौ कॉलेज में 316 सीटें खाली हैं. सर्वाधिक 172 सीटें राज्य के चार होमियोपैथिक कॉलेजों में खाली है. जबकि, 143 डेंटल की और एक एमबीबीएस की सीट रिम्स रांची में खाली है. यह सभी रिक्त सीटें निजी मेडिकल कॉलेजों की है. स्पेशल स्ट्रे वेकेंसी राउंड से पूर्व जेसीइसीइबी ने तीन चरण की काउंसेलिंग के बाद स्ट्रे वेकेंसी राउंड काउंसेलिंग का आयोजन किया था. इसमें हजारों आवेदन के बाद राज्य मेधा सूची जारी की गयी. बावजूद विद्यार्थियों ने राज्य कोटा की एमबीबीएस सीटों को छोड़ राज्य के निजी डेंटल और होमियोपैथिक कॉलेज में नामांकन लेने में रुचि नहीं दिखायी. मेडिकल काउंसेलिंग के विशेषज्ञ सह बायोम इंस्टीट्यूट के निदेशक पंकज सिंह ने बताया कि राज्य के मेडिकल कॉलेजों में सीट खाली रहने का बड़ा कारण निजी कॉलेज की फीस है. इससे विद्यार्थियों का रुझान निजी कॉलेज से बीडीएस और होमियोपैथिक कोर्स करने में नहीं होता. इसके अलावा राज्य के मेडिकल कॉलेजों में आज भी शैक्षणिक गुणवत्ता और संसाधन की कमी है. इससे सीटें प्रत्येक वर्ष खाली रह जाती है.च्वाइस फिलिंग 27 तक
रिक्त सीटों में नामांकन को लेकर राज्य मेधा सूची जारी कर दी गयी है. इसमें शामिल विद्यार्थी 27 नवंबर की शाम पांच बजे तक च्वाइस फिलिंग और रात 12 बजे तक च्वाइस में बदलाव कर सकेंगे. विद्यार्थियों का प्रोविजनल सीट एलॉटमेंट लेटर 29 नवंबर को जारी कर दिया जायेगा. दस्तावेज की जांच करा कर विद्यार्थी 30 नवंबर से पांच दिसंबर तक चिह्नित हुए संस्थान में नामांकन ले सकेंगे.
होमियोपैथी की सीट भरे, इसलिए घटाया परसेंटाइल
राज्य के होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेजों में पूर्व में हुई विभिन्न चरणों की काउंसेलिंग के बाद भी सीटें रिक्त रह गयी थीं. इन सीटों को भरने के लिए दोबारा स्पेशल राउंड काउंसेलिंग का आयोजन किया गया है. इसके लिए नेशनल कमीशन ऑफ होमियोपैथी नयी दिल्ली की पहल पर विभिन्न श्रेणी के विद्यार्थियों के न्यूनतम क्वालिफाइंग परसेंटाइल में से 15 परसेंटाइल अंक घटा दिये गये हैं.
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