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DHANBAD NEWS : अदालत से : दो मामले में सांसद ढुलू महतो नहीं हुए हाजिर, अभियोजन को गवाह पेश करने का आदेश

नाजायज मजमा बनाकर सड़क यातायात को बाधित करने व सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के मामले में हुई सुनवाई

नाजायज मजमा बनाकर सड़क यातायात को बाधित करने व सरकारी काम में बाधा पहुंचाने और ओरिएंटल स्ट्रक्चरल इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजर मुकेश चंदानी को धनबाद परिसदन बुलाकर धमकी देने व रंगदारी मांगने के मामले की सुनवाई सोमवार को एमपी एमएलए न्यायालय के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी अर्पिता नारायण की अदालत में हुई. केस अभिलेख साक्ष्य पर निर्धारित था. लेकिन अभियोजन कोई गवाह पेश नहीं कर सका. वहीं बचाव पक्ष के अधिवक्ता ललन किशोर प्रसाद ने अदालत से अभियोजन साक्ष्य बंद करने का आग्रह किया. अदालत में सुनवाई के दौरान धनबाद सांसद ढुलू महतो हाजिर नहीं हुए. उनकी ओर से उनके अधिवक्ता ने प्रतिनिधित्व आवेदन दायर किया. अदालत ने दोनों मामले में अभियोजन को गवाह पेश करने का अंतिम मौका देते हुए सुनवाई की अगली तारीख 10 दिसंबर 2024 निर्धारित कर दी. नाजायज मजमा बनाकर सड़क यातायात को बाधित करने व सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के मामले में बरोरा थाना के तत्कालीन थानेदार बीडी सिंह ने प्राथमिकी दर्ज करायी थी, वहीं दूसरे मामले स्ट्रक्चर इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड के असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट एसएस सेट्टी की शिकायत पर धनबाद थाने मे प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.

बीसीसीएलकर्मी को एक वर्ष का कारावास :

छेड़खानी के एक मामले में सोमवार को प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी नूतन एक्का की अदालत ने अपना फैसला सुनाया. अदालत ने अलकडीहा जयरामपुर निवासी बीसीसीएल कर्मी रंजन कुमार सिंह को दोषी करार देते हुए एक वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई है. अदालत ने जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने सजायाफ्ता को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में क्रिमिनल अपील याचिका दायर करने के लिए एक माह की अंशकालिक जमानत दे दी है. पीड़िता के अधिवक्ता संतोष कुमार सिंह के अनुसार अभियुक्त के खिलाफ महिला थाना धनबाद में मामला दर्ज कराया गया था. पीड़िता का आरोप था कि 20 मार्च 2021 को अभियुक्त द्वारा पीड़िता के साथ बीच चौराहे पर छेड़छाड़ की गयी थी. इससे पूर्व अभियुक्त ने पीड़िता का फोटो वायरल करने की धमकी दी जा रही थी. अनुसंधान के बाद पुलिस अभियुक्त के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया. 25 अप्रैल 2022 को अदालत ने अभियुक्त के खिलाफ आरोप गठित कर केस का विचारण शुरू किया. अभियोजन पक्ष द्वारा केस विचारण के दौरान कुल पांच गवाहों का मुख्य परीक्षण करवाया गया. जबकि प्रति परीक्षण बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने किया. अदालत में पीड़िता ने अभियुक्त की पहचान की. पीड़िता की गवाही तथा गवाहों के बयान के आधार पर अदालत ने अभियुक्त को दोषी करार दिया है.

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