हत्या के आरोप में चार नाबालिक रिमांड होम भेजे गये
24 घंटे के अंदर मामले का खुलासा
तोरपा. डुमारी गांव के बुधवा उरांव (50) की हत्या मामले का खुलासा पुलिस ने कर लिया है. बुधवा उरांव का शव 24 नवंबर को तोरपा के रायसिमला बांधटोली गांव के पास से बरामद किया गया था. 24 घंटे के अंदर मामले का खुलासा करते हुए पुलिस ने चार विधि विवादित नाबालिगों को पकड़कर रिमांड होम भेज दिया. अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी ख्रिस्टोफर केरकेट्टा ने मंगलवार को अपने कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि बुधवा उरांव की हत्या डायन बिसाही के अंधविश्वास में की गयी थी. एसडीपीओ ने बताया कि बुधवा को गांव के लोग भूत प्रेत करनेवाला मानते थे. तीन वर्ष पहले एक आरोपी किशोर के पिता लखनु मुंडा की रेल से कटकर मौत हो गयी थी. उसके परिजनों को शक था कि बुधवा उरांव ने ही लखनु पर भूत-प्रेत कर दिया था. इसके कारण लखनु पागल हो गया और उसने रेल से कटकर आत्महत्या कर ली. उसी के बाद से लखनु का बेटा बुधवा उरांव की हत्या की योजना बनाने लगा. एसडीपीओ ने बताया कि 22 नवंबर को रायसिमला बांधटोली गांव में मेला लगा था. बुधवा उरांव भी मेला देखने आया था. शाम को जब बुधवा मेला से लौटने लगा तो रास्ते में झाड़ी के पास लखनु के बेटे और उसके दोस्त ने बुधवा की लाठी छीनकर उसी से मारकर उसकी हत्या कर दी. शव को दूर ले जाकर फेंक दिया. इस संबंध में ग्रामीणों का कहना था कि बुधवा भूत प्रेत करता था. इसके कारण गांव के कई लोगों की मौत हो चुकी है. हत्या के आरोपितों को गिरफ्तार करने में एसडीपीओ ख्रिस्टोफर केरकेट्टा, तोरपा के पुलिस निरीक्षक अशोक कुमार सिंह, तोरपा के थाना प्रभारी प्रभात रंजन पांडेय, अनुसंधानकर्ता पुलिस अवर निरीक्षक अमरेंद्र कुमार मंडल और सशस्त्र बल के जवान शामिल थे.
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