Jamshedpur news.
शहर में एक थाना भवन का हाजत ऐसा है, जिसमें आरोपी नहीं, बल्कि स्कूटी और बाइक को रखा जाता है. इसके अलावा हाजत के पास ही रिक्शा भी रखा हुआ है. आसपास गंदगी का अंबार है. थाना भवन परिसर में बड़े -बड़े पेड़ उग गये हैं. यह थाना हाजत है आजादनगर थाना का. 14 नवंबर 2015 को तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने उक्त थाना भवन का ऑनलाइन उद्घाटन किया था, लेकिन नौ वर्षों के बाद भी थाना में पुलिस का काम शुरु नहीं किया गया. नौ वर्षों से थाना प्रभारी का कक्ष बंद है. लाखों रुपये की लागत से आजादनगर थाना में अब तक कोई पुलिसिया काम शुरु नहीं किया गया है. कारण है कि आजादनगर थाना के भवन जाने के लिये लोगों को कपाली जाना होगा. आजादनगर थाना के भवन को आजादनगर और कपाली के सीमा पर बनाया गया है. आसपास कोई भी आबादी नहीं है. सुनसान स्थल में भवन बनाया गया, जहां जाने का कच्चा रास्ता है. आसपास में जमीन कारोबारी द्वारा जमीन की घेराबंदी कर उसे बेचा जा रहा है. इसके अलावा कुछ स्थल पर सब्जी उगाने का काम किया जाता है. आलम यह है कि आजादनगर और कपाली के कई लोग अब तक इस थाना भवन से अनभिज्ञ हैं. थाना भवन में आजादनगर थाना के कुछ मालखाना के सामान रखे गये हैं. थाना के भवन को कुछ पुलिसकर्मी बतौर बैरक इस्तेमाल करते हैं, जहां अलग- अलग कमरे व सिरिस्ता में पुलिसकर्मी रहते हैं. आजादनगर थाना के पुलिसकर्मियों के अलावा यातायात पुलिस के भी कुछ जवान उक्त भवन में रहते हैं. थाना में रह रहे पुलिसकर्मी द्वारा कुछ खाली स्थान पर सब्जी भी लगायी गयी है.आबादी से हटकर है थाना भवन
आजादनगर थाना चेपा पुल के पास है. थाना भवन जर्जर हो चुका है. इस कारण सरकार की ओर से आजादनगर थाना के लिये नया भवन बनाया गया, लेकिन उक्त भवन को आबादी से दूर बनाया गया. इसके अलावा उक्त भवन जाने के लिये लोगों को कपाली होते हुए जाना होगा. रात के अंधेरे में थाना जाना भी मुश्किल है. रास्ते में काफी अंधेरा रहता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है