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Darbhanga News: भारतीय संविधान भारत का भविष्य निर्माता

Darbhanga News:संविधान दिवस पर लनामिवि सहित कई काॅलेजों में संगोष्ठी व जागरुकता कार्यक्रम हुआ.

Darbhanga News: दरभंगा. संविधान दिवस पर लनामिवि सहित कई काॅलेजों में संगोष्ठी व जागरुकता कार्यक्रम हुआ. लनामिवि के पीजी राजनीति विभाग में “भारतीय संविधानः सिविल लिबर्टी और विकास ” विषय पर विभागाध्यक्ष प्रो. मुनेश्वर यादव की अध्यक्षता में संगोष्ठी हुई. इसमें प्रो. यादव ने कहा कि भारतीय संविधान भारत का भविष्य निर्माता है. संविधानिक मूल्य के प्रति नागरिकों में सम्मान की भावना को उन्होंने रेखांकित किया. भारतीय संविधान की प्रस्तावना का वाचन किया. सामाजिक विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. प्रभाष चंद्र मिश्रा ने संविधान की रक्षा और उसके पालन को देश की एकता और विकास के लिए आवश्यक बताया. डॉ सुरेंद्र कुमार सुमन ने कहा कि भारतीय संविधान दुनिया का सबसे लोकतांत्रिक संविधान है. डॉ मनोज कुमार ने भारतीय संविधान को “दर्पण ” की संज्ञा दी. स्वागत डॉ सोनू राम शंकर, संचालन रघुवीर कुमार रंजन ने किया. पूर्व में आयोजित निबंध लेखन प्रतियोगिता में प्रथम रही निशा कुमारी, द्वितीय श्याम यादव एवं भारती कुमारी तथा तृतीय पूजा कुमारी को प्रमाण पत्र दिया गया. धन्यवाद ज्ञापन जितेंद्र कुमार ने किया. मारवाड़ी कालेज में प्रधानाचार्य डॉ कुमारी कविता ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि 26 नवंबर 1949 को देश की संविधान सभा ने मौजूदा संविधान को अपनाया था. डॉ विनोद बैठा ने कहा कि संविधान ने बहुमूल्य अधिकार हमें वोट देने का दिया है. डॉ अवधेश प्रसाद यादव ने भारतीय संविधान की उद्देशिका को पढ़ा और उपस्थित लोगों को शपथ दिलाई. कार्यक्रम में डॉ अरविन्द झा, डॉ सुभाष कुमार सुमन, डाॅ अमित कुमार सिंह, डॉ विकास सिंह, डॉ अभय कुमार पाठक आदि मौजूद थे. बाबा साहेब राम संस्कृत महाविद्यालय पचाढ़ी में वक्ताओं ने कहा कि विश्व की प्राचीनतम भाषा संस्कृत एवं क्षेत्रीय भाषा मैथिली में संविधान को पाकर हम सभी गौरवान्वित हैं. भारत को अक्षुण्ण बनाए रखने का संकल्प लेते हैं. सीएम साइंस कॉलेज में ””भारतीय संविधान में प्रस्तावना का महत्व”””विषय पर संगोष्ठी एवं सामूहिक प्रस्तावना पाठ किया गया. प्रधानाचार्य प्रो. दिलीप कुमार चौधरी ने कहा कि भारतीय संविधान अनेक अर्थों में विशिष्ट है. कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ सत्येंद्र कुमार झा ने संविधान की विशेषताओं का उल्लेख किया. इस अवसर पर प्रो. दिलीप कुमार झा, मो. खालिद अनवर, डॉ विश्व दीपक त्रिपाठी, डॉ निधि झा आदि मौजूद थे.

भारतीय संविधान में अधिकार एवं कर्तव्य समाहित- कुलपति

कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय में संविधान दिवस पर आयोजित संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. लक्ष्मी निवास पांडेय ने कहा कि भारतीय संविधान में अधिकार एवं कर्तव्य समाहित है. हमारी प्राथमिकता अधिकारों को धारण करने के साथ नैतिकता से कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने की होनी चाहिए. तब ही सच्चे अर्थों में भारतीय संविधान का उद्देश्य फलीभूत होगा. संविधान हमें सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और अवसर की समानता प्राप्त करने का अधिकार देता है. हमारे वैदिक धर्म में निहित आवश्यक मूल तत्व को ही संविधान में अधिकार और कर्तव्य के रूप में समाहित किया गया है. कुलसचिव प्रो. ब्रजेशपति त्रिपाठी ने कहा कि प्रथम संविधान सभा में महाराजाधिराज डॉ सर कामेश्वर सिंह भी सम्मिलित थे. संविधान का उद्देश्य सत्य निष्ठा के साथ समता मूलक समाज की स्थापना तथा जाति एवं धर्म से उपर उठकर मानव मूल्यों की स्थापना करना है. मौके पर शिक्षा शास्त्र निदेशक डॉ घनश्याम मिश्र, डॉ सुधीर कुमार झा, डॉ नरोत्तम मिश्र, डॉ रामानंद मिश्र, पवन सहनी, डॉ त्रिलोक झा, प्रीति रानी, अवन राय, डॉ कुदन कुमार आदि मौजूद थे.

मैथिली और संस्कृत में संविधान का लोकार्पण मिथिला के लिए गौरव का क्षण

भारतीय संविधान के मैथिली एवं संस्कृत भाषा में अनूदित संस्करण के विमोचन के उपलक्ष्य में मंगलवार को लनामिवि के पीजी मैथिली विभाग में कार्यक्रम हुआ. विभागाध्यक्ष प्रो. दमन कुमार झा ने कहा कि मैथिली और संस्कृत में लोकार्पित भारत का संविधान मिथिलावासियों के लिए गौरव का क्षण है. आज का दिन सुखद एवं ऐतिहासिक है. कहा कि केंद्रीय भारतीय भाषा केंद्र, मैसूर द्वारा संविधान के मैथिली में अनुवाद- कार्य विश्वविद्यालय के शिक्षकों द्वारा किया गया. अंतिम चरण के अनूदित-कार्य को संपादित करने में उनके साथ प्रो. अशोक कुमार मेहता एवं प्रो. केष्कर ठाकुर का साथ मिला. प्रो. अशोक कुमार मेहता ने कहा कि लिखित रूप में भारतीय संविधान का आयाम अत्यन्त विशाल है. यह हमारे भीतर न्याय, स्वतन्त्रता, समानता, विश्व-बंधुत्व आदि भाव को भरता है. डाॅ सुरेश पासवान ने कहा कि भारतीय संविधान प्रत्येक नागरिक में सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक, राजनीतिक अवसर और कानून के समक्ष समानता के आधार पर लोगों को न्याय प्रदान करने को विश्वस्त करता है. डाॅ सुनीता कुमारी ने कहा कि स्त्री और पुरुष के बीच जो बड़ी खाई थी, उस अन्तर को संविधान ने ही पाटा है. मौके पर डाॅ प्रियंका राय, डाॅ सोनू रामशंकर, डाॅ संजीव कुमार साह, शोधार्थी बन्दना, भोगेन्द्र, दीपक, शीला, हरेराम, नेहा, राजनाथ, शिवम, प्रियंका, प्रवीण, मिथलेश आदि ने विचार रखा. संचालन रौशन कुमार एवं धन्यवाद ज्ञापन सत्यनारायण प्रसाद यादव ने किया.

राजकुमारी गणेश शर्मा संस्कृत विद्यापीठ में मनाया गया संविधान दिवस

राजकुमारी गणेश शर्मा संस्कृत विद्यापीठ पटोरी में मंगलवार को संविधान दिवस मनाया गया. प्राचार्य डॉ अरविन्द शर्मा ने संविधान का पाठ कर कार्यक्रम की शुरुआत की. प्राचार्य ने उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा व अवसर की समता आदि विषयों पर प्रकाश डाला. कार्यक्रम के संयोजक डॉ महंथ मिथिलेश दास ने कहा कि 26 नवंबर 1949 को संविधान पूरा हुआ तथा इसी दिन से अंगीकृत किया गया था. डॉ त्रिलोकनाथ झा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से हम सभी 26 नवंबर 2015 से इस दिवस को मनाते आ रहे हैं. डॉ भूपेंद्र नारायण झा ने कहा कि संविधान दिवस सिर्फ सरकार व राजनीतिक पार्टियों का ही नहीं, बल्कि सम्पूर्ण देश की जनता का महापर्व है. मौके पर डॉ विन्ध्यनाथ मिश्र, डॉ गिरीश कुमार, डॉ रमाकांत कुमार, डॉ बालकृष्ण शर्मा, ब्रजेश कुमार चौधरी सहित छात्र-छात्राओं ने भी विचार रखे.

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