Darbhanga News: दरभंगा. रात होते ही डीएमसीएच की चिकित्सा व्यवस्था सो जाती है. मरीज व परिजन चिकित्सा व्यवस्था को लेकर परेशान रहते हैं. चिकित्सा संबंधी विभिन्न कार्य के लिए परिजनों को इधर- उधर भटकना पड़ता है. बताया जाता है कि देर रात ड्यूटी पर कार्यरत कई नर्स सो जाती हैं. इस दौरान विशेष परिस्थिति में परिजन के पहुंचने पर सफाई कर्मी से कार्य कराने की बात कह दी जाती है. सफाई कर्मी अपनी सेवा के बदले मरीज व परिजनों से 100 – 200 रुपये वसूलते हैं. जानकारी के अनुसार प्राय: हर विभाग में रात में नर्सों द्वारा यह लापरवाही की जा रही है. इसका खामियाजा मरीज व परिजनों को भुगतना पड़ता है. इसे लेकर मरीज व परिजनों ने अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था पर सवाल खड़ा किया है.
सफाई कर्मी ने लगाया महिला मरीज को पेशाब की थैली
24 नवंबर को मेडिसिन विभाग के डॉ भीएन झा यूनिट में भर्ती महिला मरीज रोशन खातून को पेशाब की थैली लगाने के लिए नर्स ने मना कर दिया. कहा कि सफाई कर्मी से लगवा लो. थक हार कर सफाई कर्मी से मरीज को पेशाब की थैली लगवायी गयी. इसके लिये परिजन से 200 रुपये सफाई कर्मी ने लिये. लेकिन, कुछ देर बाद ही पेशाब की थैली फट गयी. आखिरकार परिजन को ही खुद से पेशाब की थैली लगानी पड़ी. मरीज के परिजन ने बताया कि रात में डॉक्टरों ने पेशाब की थैली लगवाने के लिए स्टाफ नर्स के पास भेजा. नर्स द्वारा कहा गया की प्राइवेट सफाई वाली को कहो, वह लगा देगी. प्राइवेट सफाई वाली बोली, यह मेरा काम नहीं है. वैसे 200 रुपये दोगे तो लगा देंगे. रुपये देकर सफाई कर्मी से लगवाई गयी थैली कुछ देर में फट गयी. यह बताने पर नर्स ने पेशाब की थैली परिजन के हाथ में देकर कहा कि जाकर खुद लगा दो. परिजन ने बताया कि किसी तरह उसने जैसे- तैसे थैली लगा दी.मामले को लेकर किसी ने शिकायत नहीं की है. फिर भी जानकारी लेकर आगे की कार्रवाई की जायेगी.
डॉ अलका झा, अधीक्षकडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है