फुसरो. सीसीएल ढोरी प्रक्षेत्र के चपरी रेस्ट हाउस में मंगलवार को क्षेत्रीय द्विपक्षीय खान सुरक्षा समिति की बैठक जीएम रंजय कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में हुई. कोयला खदानों में कामगारों की सुरक्षा को लेकर कई मुद्दों पर चर्चा की गयी. प्रोजेक्टर के माध्यम से मशीनों की स्थिति, माइंस के हॉल रोड, उत्पादन ग्राफ आदि दिखाया गया. जीएम ने कहा कि सुरक्षा को लेकर कोई कोताही नहीं हो, इसके लिए यूनियन प्रतिनिधि व प्रबंधन मिल कर कार्य करें. थोड़ी सी चूक के कारण दुर्घटना का शिकार होना पड़ता है. इससे बचने के लिए सुरक्षा को ध्यान में रखकर ही काम करना चाहिए. सीसीएल के पास फंड की कमी नहीं है. अस्पताल में जरूरी संसाधनों को बढ़ाया जायेगा. ओवरलोड कोल ट्रांसपोर्टिंग पर अंकुश लगाया जायेगा. सड़कों सहित खदान में नियमित रूप से पानी का छिड़काव करवाया जायेगा. यूनियन नेताओं के सुझावों पर अमल किया जायेगा. कामगारों को समय-समय पर प्रशिक्षण दिलाया जाये. मशीनों की जांच करायी जायेगी. यूनियन नेताओं ने कहा कि सुरक्षा समिति द्वारा दी गयी सलाह को दरकिनार कर दिया जाता है. इसके कारण खदान में दुर्घटनाएं घट रही है. खदानों में सुरक्षा नियमों को ताक में रख कर मजदूरों से कोयला का उत्पादन कराया जाता है. सुरक्षा नाम की कोई चीज नहीं है. कामगारों को जूता, टोपी तक उपलब्ध नहीं कराया जाता है. महिला मजदूरों को भी जूता मिलना चाहिए, वे चप्पल पहन कर ड्यूटी कर रही हैं. खदानों में प्रॉपर बेंच की कमी है. सीसीटीवी कैमरा भी सही से काम नहीं कर रहा है. खदान क्षेत्र में पर्याप्त लाइट की सुविधा नहीं है. जगह-जगह शौचालय व शुद्ध पेयजल की कमी है. कोयला ट्रांसपोर्टिंग के कारण होने वाले प्रदूषण से क्षेत्र के लोग त्रस्त हैं. केंद्रीय अस्पताल ढोरी में संसाधन का अभाव है. जबकि चिकित्सक के प्राइवेट प्रैक्टिस के दौरान संसाधन का भरमार है. प्रबंधन सभी मामलों पर संज्ञान ले.
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