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सदर अस्पताल में मरीजों को नहीं मिल पा रही सरकारी एंबुलेंस की सुविधा, मरीज परेशान

20 लाख की जनसंख्या वाले मुंगेर जिले का सदर अस्पताल वर्तमान में मात्र 4 एंबुलेंस के भरोसे ही चल रहा है.

– हजारों रुपये खर्च कर जाना पड़ रहा हायर सेंटर- 4 एंबुलेंस के भरोसे 20 लाख की जनसंख्या वाले मुंगेर का सदर अस्पतालमुंगेरमुंगेर सदर अस्पताल में शायद चिकित्सक व कर्मियों के अतिरिक्त सुविधाओं का अभाव ही मरीजों के लिए काफी नहीं था कि अब अस्पताल में मरीजों को सरकारी एंबुलेंस तक नसीब नहीं हो पा रहा है. जिसके कारण मरीजों को हजारों रुपये खर्च कर निजी एंबुलेंस से हायर सेंटर जाना पड़ रहा है. हद तो यह है कि लगभग 20 लाख की जनसंख्या वाले मुंगेर जिले का सदर अस्पताल वर्तमान में मात्र 4 एंबुलेंस के भरोसे ही चल रहा है. जिसके कारण रेफर होने के बाद भी गंभीर मरीजों को एंबुलेंस ढूंढने पर भी नहीं मिल पा रहा है. कुछ ऐसा ही नजारा बुधवार को सदर अस्पताल में देखने को मिला.

एंबुलेंस के लिये घंटों परेशान रहे मरीज

बताया गया कि बुधवार को सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में बुधवार की सुबह 10.49 बजे जमालपुर नयागांव निवासी 60 वर्षीय रामवीर प्रसाद को परिजनों द्वारा इलाज के लिए लाया गया. जिनका ऑक्सीजन लेवल 69 था. साथ ही उसका प्लस रेट भी 127 था. मरीज की गंभीर स्थिति को देखते हुये उसे 11.15 में हायर सेंटर रेफर कर दिया गया. जिसके बाद परिजनों ने द्वारा 102 टोल फ्री नंबर पर कॉल किया गया. साथ ही एंबुलेंस मांगा गया. जहां बताया गया कि एंबुलेंस उपलब्ध नहीं है. जिसके बाद लगभग 12.30 बजे तक मरीज के परिजन एंबुलेंस के लिए सदर अस्पताल में भटकते रहे. हलांकि उन्हें अंत तक एंबुलेंस नहीं मिल पाया. जिसके बाद परिजन निजी एंबुलेंस से ही अपने मरीज को लेकर हायर सेंटर चले गये.

4 एंबुलेंस के भरोसे सदर अस्पताल

लगभग 20 लाख की जनसंख्या वाला मुंगेर सदर अस्पताल वर्तमान में केवल 4 एंबुलेंस के भरोसे ही है. अब ऐसे में मरीजों को यहां निशुल्क एंबुलेंस सुविधा मिलने का अंदाजा लगाया जा सकता है. बुधवार को बताया कि मुंगेर विश्वविद्यालय तथा इंजीनियरिंग कॉलेज में हो रहे खेल टूर्नामेंट में एक-एक एंबुलेंस को भेजा गया था. जबकि एक एंबुलेंस को किला परिसर में लगाया गया था. वहीं एक एंबुलेंस सुबह 8 बजे ही एक मरीज को लेकर पटना गया था. बताया गया कि पूर्व में सदर अस्पताल में कुल 6 एंबुलेंस थे. जिसमें चार चालू हालत में है. जबकि एक खराब है. वहीं शव के लिये एक एंबुलेंस को जर्जर घोषित कर दिया गया है.

कहते हैं सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डा. विनोद कुमार सिन्हा ने बताया कि विभाग स्तर से ही एंजेंसी बदली गयी है. जबकि वर्तमान में एंबुलेंस की कमी है. जिसे लेकर विभाग को लिखा गया है. तीन एंबुलेंस को अलग-अलग जगहों पर लगाया गया था. जिसके कारण परेशानी हुयी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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