IITF: अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला के 43वें संस्करण में बिहार ने अपने शानदार प्रदर्शनी के लिए गोल्ड मेडल जीता है. बिहार इस साल पार्टनर स्टेट था, इसलिए बिहार मंडप को इस मेला के थीम विकसित भारत 2047 के अनुरूप तैयार किया गया था. बुधवार शाम आयोजित सम्मान समारोह में नोडल अधिकारी निखिल धनराज निपाणीकर को यह मेडल प्रदान किया गया. इस दौरान उद्योग विभाग की सचिव वंदना प्रेयसी और उद्योग निदेशक आलोक रंजन घोष भी उपस्थित थे.
बिहार मंडप में कुल मिलाकर 75 स्टाल था, जिसमें राज्य के हैंडलूम, खादी और हस्तकरघा उत्पादों को प्रदर्शित किया गया था. नालंदा की बब्बन बूटी, भागलपुरी रेशम, मिथिला की मधुबनी पेंटिंग,पटना की टिकुली कला और अन्य कलाकृतियों को बिक्री और प्रदर्शन के लिए रखा गया था. मंडप को बिहार की विशेष सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत के थीम के इर्द-गिर्द तैयार किया गया था. प्रवेश द्वार को “सभ्यता द्वार” के रूप में तैयार किया गया था जो “विकसित बिहार 2047” के लोगो से सुसज्जित था.
पर्यावरण के अनुकूल डिजाइन मंडप
मंडप के केंद्र में बिहार संग्रहालय था. इसकी दीवारों पर आधुनिक नालंदा विश्वविद्यालय की 3डी पेंटिंग और प्रतिष्ठित बुद्ध ब्रिज को भी प्रदर्शित किया गया था. अन्य दीवारें बिहार के प्रसिद्ध पद्मश्री कलाकारों द्वारा बनाई गई मधुबनी, मंजूषा और टिकुली कला से अलंकृत थी. मंडप में पारंपरिक कला रूपों-मधुबनी पेंटिंग, टेराकोटा कला और सिक्की शिल्प का प्रदर्शन किया गया था. इस इंटरैक्टिव डिस्प्ले के माध्यम से आगंतुकों ने बिहार की समृद्ध कला को देखा और अनुभव किया. इसके अलावा, बिहार मंडप के प्रदर्शनों में उद्यमिता और नवाचार को प्रदर्शित करने वाली मुख्यमंत्री उद्यमी योजना और स्टार्ट-अप बिहार जैसी राज्य की प्रमुख पहलों की झलकियाँ शामिल थीं.
इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना जैसे पहलों के माध्यम से महिला सशक्तिकरण पर ध्यान ने समावेशी विकास के लिए बिहार की प्रतिबद्धता को उजागर किया. आईटीपीओ के प्लास्टिक-मुक्त दिशानिर्देशों का पालन करते हुए मंडप को पर्यावरण के अनुकूल डिजाइन किया गया था. सजावट में स्थानीय सामग्रियों का उपयोग किया गया था, जिसने पर्यावरण से जुड़ी जिम्मेदारी के प्रति सभी का ध्यान खींचा.
निवेशकों को विकसित बिहार बनाने के लिए आमंत्रण
मेडल जितने पर ख़ुशी जाहिर करते हुए उद्योग विभाग की सचिव वंदना प्रेयसी ने कहा, ” गोल्ड मेडल के माध्यम से हमारे प्रयासों की सराहना के लिए हम आईआईटीएफ के प्रति सम्मान प्रकट करते हैं. पिछले कुछ सालों में बिहार ने अभूतपूर्व प्रगति की है. हम 2047 तक बिहार को एक विकसित राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इसके अनुरूप इन्वेस्टमेंट-फ्रेंडली पॉलिसीस को लागू कर रहे हैं. उन्हें यह बताते हुए ख़ुशी हो रही है कि बिहार में लगातार निवेश बढ़ रहा है.
हम निवेशकों को एक विकसित बिहार बनाने के लिए आमंत्रित करते हैं” वहीं आलोक रंजन घोष ने कहा, “बिहार को मिला यह सम्मान हमारे लिए काफी उत्साहजनक है. यह 2047 के विकास लक्ष्यों के प्रति हमारे प्रयासों को और मजबूत करेगा. निखिल धनराज निपाणीकर ने कहा, “बिहार को मिला यह सम्मान बिहार की कला, संस्कृति, और विरासत के प्रति लोगों के प्रेम और देश-विदेश में इसकी ख्याति को दर्शाता है. बिहार प्रगति के पथ पर तेजी से बढ़ रहा है और हमें पूरी आशा है कि यह 2047 के विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफल रहेगा.”