BPSC Result 2024: कहते हैं कि मन के हारे हार है और मन के जीते जीत. यही कहावत फिट बैठती है सहरसा के रतन कुमार झा के लिए. बचपन में सिर से पिता का साया उठ गया. 12वीं के दौरान मां का निधन हो गया. इसके बावजूद भी रतन ने हार नहीं मानी और कड़ी मेहनत और आत्मनिर्भरता के बल पर उन्होंने बीपीएससी 69वीं परीक्षा में 181वीं रैंक हासिल कर राजस्व अधिकारी का पद प्राप्त किया है. अपनी इस सफलता से रतन ने उन सभी लोगों के लिए मिसाल पेश की है, जो लाख कठिनाइयों के बावजूद अपने सपनों को साकार करने की जिद रखते हैं.
रतन झा का संघर्ष
रतन कुमार झा सहरसा जिले के कहरा प्रखंड के पड़री वार्ड 4 के रहने वाले हैं. बचपन में ही उनके पिता शशिकांत झा का निधन हो गया था. 12वीं में पढ़ाई के दौरान मां ललिता देवी की भी मृत्यु हो गई. इन मुश्किल परिस्थितियों में उन्होंने खुद को कमजोर नहीं पड़ने दिया. रतन ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि जब उनकी मां की मृत्यु हुई थी तो ऐसा लगा था जैसे कि सब कुछ खत्म हो गया. लेकिन, इसके बावजूद अधिकारी बनने का सपना टूटने नहीं दिया. खुद को दिन प्रतिदिन मजबूत किया और पढ़ाई का सिलसिला जारी रखा.
पढ़ाई जारी रखने के लिए होम ट्यूशन का सहारा
माता पिता के निधन के बाद रतन को सहारा देने वाला कोई नहीं था. अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए रतन कुमार ने होम ट्यूशन का सहारा लिया. बच्चों को पढ़ाने से जो आमदनी होती थी, उससे अपनी पढ़ाई का खर्च निकालते थे. इसी तरह उन्होंने नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी से इतिहास में स्नातक और इग्नू से हिंदी साहित्य में पीजी किया. शुरुआत के दिनों में रतन ने बेंगलुरु जा कर नौकरी भी की. लेकिन उनके अंदर अधिकारी बनने का जुनून हमेशा से था. नौकरी के साथ ही उन्होंने बीपीएससी और अन्य प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी जारी रखी. इसी क्रम में उन्होंने तीसरे प्रयास में बीपीएससी की परीक्षा में सफलता पाई. 67वीं बीपीएससी परीक्षा में वह इंटरव्यू तक पहुंचे थे.