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अफीम की खेती के लिए सैटेलाइट इमेज का होगा उपयोग : एसपी

पहली बार अवैध अफीम की खेती पकड़ने के लिए होगा सैटेलाइट का उपयोग

प्रतिनिधि, खूंटी

ठंड का मौसम आते ही खूंटी में अफीम की अवैध खेती की तैयारी शुरू हो गयी है.

पहली बार अवैध अफीम की खेती पकड़ने के लिए होगा सैटेलाइट का उपयोग

प्रतिनिधि, खूंटी

ठंड का मौसम आते ही खूंटी में अफीम की अवैध खेती की तैयारी शुरू हो गयी है. पुलिस को मिली सूचना के अनुसार कई जगहों पर किसानों ने खेत तैयार कर लिया है. वहीं, कुछ जगहों पर पौधे भी अंकुरित हो गये हैं. अफीम की खेती को रोकने के लिए पुलिस अभी से अफीम की खेती वाले क्षेत्र में निगरानी शुरू कर दी है. पिछले साल जहां-जहां अफीम की खेती की गयी थी उसका सत्यापन किया जा रहा है. लेकिन, इस बार जिला प्रशासन पहली बार अवैध अफीम की खेती पकड़ने के लिए सैटेलाइट का सहारा लेगा. सैटेलाइट कैमरा के माध्यम से अफीम की खेती की तस्वीर ली जायेगी. इस बार पुलिस अफीम की खेती को नष्ट करने के लिए आधुनिक तकनीक का प्रयोग करेगी. एनसीबी के सहयोग से पुलिस मैप ड्रग्स एप का उपयोग करेगी. इसमें राष्ट्रीय स्तर पर सूचना संकलित की जायेगी. अभियान के तहत एप में तस्वीर और अन्य जानकारी भी डाली जायेगी. वहीं, सैटेलाइट इमेज की मदद से अफीम की खेती की पहचान की जायेगी.

जानिए, सैटेलाइट इमेज कैसे ली जायेगी :

मैप ड्रग्स एप की मदद से सैटेलाइट इमेज ली जायेगी. इसके बाद जहां-जहां जंगल साफ किया गया है और अफीम के पौधे लगाये गये हैं उसका पता चल सकेगा. पुलिस उसका सत्यापन कर खेती को नष्ट कर देगी. पुलिस को एनसीबी का भी सहयोग मिलेगा. वहीं, जहां-जहां खेती की संभावना है उसकी निगरानी की जा रही है. दिसंबर से अफीम की खेती को नष्ट करने का अभियान शुरू करने की योजना तैयार की गयी है.

15 दिसंबर से किया जायेगा ट्रैक :

15 दिसंबर से अवैध अफीम की खेती को सैटेलाइट की मदद से ट्रैक किया जायेगा. इसके लिए तकनीकी स्तर पर बहुत तैयारी की गयी है और हर छोटी-बड़ी घटनाओं की मॉनिटरिंग की जा रही है. पूरे डेटा को पर्यावरण मंत्रालय को शेयर किया जायेगा.

अवैध खेती नष्ट करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल दिया जायेगा : एसपी

एसपी अमन कुमार ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से अफीम की फसल नष्ट करने के लिए ट्रैक्टर उपलब्ध कराया जाता है. वहीं, जिला पुलिस को अतिरिक्त पुलिस बल भी दिया जायेगा. इसके अलावा एसएसबी को भी अभियान में लगाया जायेगा. एनसीबी से सहयोग लिया जायेगा. वन विभाग से भी इनपुट लिया जायेगा. उन्होंने बताया कि अफीम की खेती के प्रति जागरूकता को लेकर 100 से अधिक गांवों में अभियान चलाया गया है. वहीं, ग्राम प्रधान और मुखिया को नोटिस किया गया है. उन्होंने कहा कि अफीम की खेती ग्रामीण अफीम की खेती को त्याग दें. यह गैरकानूनी तो है ही ऊपर से स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी है. आने वाले समय में इसका परिणाम बेहद खतरनाक साबित होगा. नयी पीढ़ी का भविष्य खराब होगा.

अफीम मामले में 2023 में 19 और 2024 में 21 को हुई सजा

अफीम की खेती और कारोबार करने के आरोप में पुलिस ने वर्ष 2023 में कुल 60 लोगों को गिरफ्तार की थी. इसमें से 19 आरोपियों पर आरोप सही पाया गया था. उन्हें न्यायालय ने सजा भी सुनायी. वहीं, वर्ष 2024 में पुलिस ने कुल 52 लोगों को पकड़ा था. इसमें से 21 को सजा हुई.

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