कुंदा. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रतापपुर के चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही से मंगलवार को सरीफन भारती (35) की मौत हो गयी. वह पिंजनी गांव का रहनेवाला था. परिजनों ने लापरवाह चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों पर कार्रवाई करने की मांग की. मृतक की पत्नी तेतरी देवी व भाई रवींद्र कुमार भारती ने बताया कि सरीफन गांव में राजमिस्त्री का काम करता था. सोमवार को अपने खेत में लगी आलू की फसल पर मिट्टी चढ़ाने के बाद घर आये, तो उसके उसे खून की उलटी होने लगी. आनन-फानन में उसे निजी वाहन से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ले जाया गया. वहां ओपीडी के बेड पर उसे लिटा दिया गया. वह बेड पर तड़पते रहा, लेकिन किसी भी तरह का उपचार नहीं किया. पत्नी ने बताया कि केंद्र में मौजूद एएनएम व स्वास्थ्य कर्मियों को इलाज के लिए बोला गया, तो डॉक्टर नहीं रहने की बात कह कर स्वास्थ्य कर्मी चलते बने. देर रात स्थिति बिगड़ता देख परिजन इलाज की गुहार लगाया, तो एएनएम ने मंगलवार सुबह तीन बजे सरीफन भारती को सदर अस्पताल चतरा रेफर कर दिया, लेकिन सदर अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया. भाई ने बताया कि हमलोग गरीब परिवार से आते हैं. अगर इलाज समय पर हो जाता, तो उसकी जान बच सकती थी. उसकी मौत से गांव में मातम पसरा है. घटना की सूचना पाकर भाजपा मंडल अध्यक्ष दिलेश्वर भोगता, पूर्व सांसद प्रतिनिधि गंदौरी साव, युवा मोर्चा के अध्यक्ष घनश्याम यादव ने घर पहुंच कर मामले की जानकारी ली. सांसद व विधायक से मिलकर दोषी स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ शिकायत करने की बात कही. इस संबंध में चिकित्सा प्रभारी डॉ कुमार संजीव से पक्ष लेने के लिए फोन से संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है