गोपालगंज. बिहार लोक सेवा आयोग बीपीएससी ने 69वीं सिविल सेवा परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया है. इस परीक्षा में जिले की प्रतिभा की धमक भी देखने को मिली है. बरौली प्रखंड के परसौनी गांव के रहने वाले संदीप कुमार सिंह ने टॉप टेन में अपना स्थान बनाते हुए सातवां रैंक हासिल किया है. इस रैंक के साथ संदीप डीएसपी बनेंगे. तीसरे प्रयास में इन्होंने यह सफलता हासिल की है. इस सफलता से परिवार, रिश्तेदार तथा गांव में खुशी का माहौल है. बता दें कि संदीप कुमार सिंह, बरौली प्रखंड के परसौनी गांव के रहने वाले सुदर्शन सिंह और शैल देवी के पुत्र हैं. गांव के नारायण सर्वोदय उच्च विद्यालय से 2009 में मैट्रिक की पढ़ाई पूरी की तथा 2011 में इंटर पास किया. कमला राय कॉलेज से 2014 में स्नातक की पढ़ाई पूरी की. पिछले चार साल से बीपीएससी परीक्षा की तैयारी में लगे हुए थे. इसके पहले दो बार प्री तथा मेंस निकालकर इंटरव्यू तक पहुंचे, लेकिन मेरिट लिस्ट में नाम नहीं आ सका. तीसरी बार कड़ी मेहनत की और जोर लगाया, तो सफलता ही नहीं मिली, बल्कि टॉप- 10 में स्थान बना लिया. संदीप के दो भाई हैं. बड़े भाई पप्पू कुमार सिंह विदेश में काम करते हैं, तो मंझले भाई राहुल कुमार सिंह पटना में दारोगा है. संदीप ने बातचीत में बताया कि तैयारी करने वाले छात्रों को काफी धीरज रखना होगा. कई बार असफलता मिलने से छात्र टूट से जाते हैं. अगर मेहनत जारी रही, तो देर होगी, लेकिन सफलता जरूर मिलेगी. मुखिया के भाई ने हासिल की सफलता, बनेंगे रेवेन्यू ऑफिसर गोपालगंज. सदर प्रखंड की बिशनपुर पूर्वी पंचायत के मुखिया बंधु कुमार सिंह के भाई दीपक कुमार सिंह ने बीपीएससी की परीक्षा में सफलता का परचम लहराया है. इस परीक्षा में 80वां रैंक के साथ रेवेन्यू ऑफिसर का पोस्ट मिला है. उनकी सफलता से क्षेत्र में खुशी का माहौल है. आसपास के लोग बधाई दे रहे हैं. बता दें कि दीपक कुमार सिंह, सदर प्रखंड के सिंहोरवां गांव के स्व. तेज नारायण सिंह और गीता देवी के पुत्र हैं. बड़े भाई बंधू सिंह विशुनपुर पूर्वी पंचायत के मुखिया हैं तथा छोटे भाई प्रिंस कुमार सिंह जादोपुर बाजार में विद्यालय चलाते हैं. दीपक इससे पहले भी यूपीएससी और बीपीएससी की तीन परीक्षाओं में सफलता हासिल कर चुके हैं. 2009 में छपरा सेंट्रल स्कूल से मैट्रिक किया. 2011 में सेंट्रल हिंदू स्कूल, वाराणसी से इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद से दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज से स्नातक किया और सिविल सर्विसेज के तैयारी में जुट गये. 2016 में बीपीएससी की परीक्षा पास कर गृह मंत्रालय के आइबी एसीओ का पोस्ट मिला, लेकिन ज्वाइन नहीं किया. फिर से तैयारी की और 2018 में यूपीएससी को फिर से क्रैक किया, जिससे सीआरपीएफ में असिस्टेंट कमांडेंट बने. उस नौकरी को उन्होंने छोड़ दिया. 2023 में फिर से यूपीएससी पास कर ईपीएफओ में अकाउंट ऑफिसर बने. कुछ दिनों तक काम किया और छुट्टी लेकर फिर से तैयारी में जुट गए. अब बिहार लोक सेवा आयोग में 80वां रैंक प्राप्त किया है. दीपक कुमार ने बातचीत ने बताया कि अगर लगन के साथ कड़ा परिश्रम किया जाये, तो कोई भी लक्ष्य कठिन नहीं है. कुचायकोट संवाददाता के अनुसार कुचायकोट प्रखंड के करमैनी मोहब्बत की रहने वाली आंगनबाड़ी सेविका रामावती देवी की पुत्री मनीषा राज ने पहले प्रयास में ही बीपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की है. 523वां रैंक के साथ अब वह रेवेन्यू ऑफिसर बनेंगी. इनकी सफलता से परिवार, रिश्तेदार तथा गामीणों में खुशी का माहौल है. बता दें करमैनी मोहब्बत के रहने वाले उमेश राम तथा रामावती देवी की पुत्री मनीषा राज ने गोपालगंज के डीएवी स्कूल से मैट्रिक तथा इंटर की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद से यूपी के विद्यावती देवी कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई पूरी की. स्नातक करने के बाद पटना में रहकर बीपीएससी की तैयारी करने लगी और पहले प्रयास में ही सफलता हासिल कर ली.
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