चक्रधरपुर.
चक्रधरपुर प्रखंड एक पदमपुर ऐसा गांव है, जहां लोग आज भी सड़क व पुल-पुलिया की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन उनकी मांगें अब तक अधूरी है.जिससे लोगों का जीवन वहीं रुका हुआ है. योजनाएं तो सरकार अनेकों चलाती हैं, मगर उनका लाभ यहां के लोगों को नहीं मिल पा रहा है. ग्रामीण सड़क के लिये अपनी जमीन देने को तैयार हैं. यहां सड़क के अभाव में पंचायतवासियों का विकास नहीं हो रहा है. सड़क की बदहाली से 20 हजार से अधिक की आबादी त्रस्त है. लगभग एक किलोमीटर तक सड़क व विंजय नदी में पुलिया की जरूरत है. सड़क के अभाव में सोनुआ रोड से सट कर पदमपुर जाने वाली सड़क पर बरसात के मौसम में जान खतरे में डालकर हजारों आबादी रोजाना आवागमन करते हैं. गांव के बीच से होकर विंजय नदी गुजरती है. यहां अब तक पुलिया नहीं बनी है. गांव की सड़क में असंख्य गड्ढे बन गये हैं. जिससे आये दिन यहां दुर्घटना होती रहती हैं. सांसद विधायक व सरकारी अधिकारियों से लगातार सड़क व अन्य मांग करते आ रहे हैं, लेकिन अब तक ग्रामीणों को उनकी मांग नहीं मिल पायी है. गांव में ग्रामीण नाली, पानी जैसी मुलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. ग्रामीणों के लिये सबसे ज्यादा जरूरी विंजय नदी पर पुलिया, गार्डवाल, सड़क व नाली है.राशन उठाव के लिये हजारों ग्रामीणों को मशक्कत
पदमपुर पंचायत अंतर्गत सड़क व नदी में पुलिया नहीं रहने से ग्रामीणों को राशन का उठाव करने में भारी परेशानी होती है. पंचायत अंतर्गत लगभग नौ गांव हैं. इन गांव के लाभुक राशन उठाव के लिये पदमपुर गांव आते हैं. पदमपुर तक राशन उठाव करने वाले लाभुकों को यहां तक पहुंचने व राशन के लिये एक दिन का पूरा समय लग जाता है. ग्रामीणों ने कई बार स्थानीय जनप्रतिनिधियों को इस ओर ध्यान आकृष्ट कराया. लेकिन अब तक ग्रामीणों को इस दिशा में कोई भी सहूलियत नहीं मिल पायी है.
सड़क व पुलिया बनेगी, तो इन गांव के लोगों को मिलेगा लाभ
सोनुआ रोड से पदमपुर की ओर से जाने वाली सड़क की निर्माण हो जाओ, तो समूचा पदमपुर, सानी पदमपुर, लौडिया, शिरकासाई, बाराकाटा, मेरमेरा, कोटुंवा समेत अन्य गांव के हजारों लोगों को लाभ मिलेगा. लोगों का कहना है कि गांवों के विकास को वोट की राजनीति से जोड़ कर देखा जा रहा है. सरकार में रहने वाली पार्टी को यदि वोट मिला है तो वैसे गांव का विकास हो रहा है. सरकार के विरूद्ध पड़े वोट वाले गांव का विकास लंबे समय से नहीं हो रहा है. विकास की राह खोलने वाली पदमपुर में पंचायत भवन है. लेकिन पंचायत भवन तक जाने वाली सड़कों की हालत पूरी तरह जर्जर है. बाइक तो दूर की बात है, पैदल भी जाना मुश्किल है.
क्या कहते हैं पदमपुर गांव के लोग
सड़क निर्माण के लिये ग्रामीण अपनी जमीन देने को तैयार हैं. लेकिन सरकारी तंत्र गांव में सड़क बनाने के लिये अब तक सर्वे नहीं की है. स्कूली छात्र-छात्रा व ग्रामीणों को आवागमन में भारी परेशानी हो रही है. -संजू देवी
सोनुआ रोड से पदमपुर तक सड़क का निर्माण हो. साथ ही विंजय नदी में पुलिया बने. सड़क व पुलिया नहीं रहने से गांव का विकास थम गया है. इस गांव में सरकार के वादे पुरी तरह खोखला साबित हो रहे हैं. -नित्या प्रधानगांव का विकास किसे कहते हैं, यह अब तक मालूम नहीं चल पाया है. गांव में न तो अच्छी सड़क है और न ही अन्य मुलभूत सुविधा. सिर्फ कहने को गांव का विकास हो रहा है. सरकारी तंत्र इस गांव का निरीक्षण करे. -महंगी देवी
विकास से कोसों दूर पदमपुर गांव है. बरसात के दिनों में ग्रामीणों की हालत बहुत खराब रहती है. ग्रामीणों को पैदल घर से बाहर निकलने में मुश्किल होती है. सड़क का निर्माण होना अति आवश्यक है. -पार्वती देवीगांव में पानी, सड़क का घोर अभाव है. सरकार जल्द निदान करे. स्थानीय जनप्रतिनिधि संबंधित विभाग को इस गांव में जल्द निर्देश दे. विंजय नदी में पुलिया निर्माण व गार्डवाल भी अति आवश्यक है. -दिलीप कुमार
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